कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ छ.ग.अंतर्गत विभिन्न शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय पदों पर भर्ती: Raigarh Jila Vacancy 2025

 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ छ.ग.अंतर्गत विभिन्न शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय पदों पर भर्ती: Raigarh Jila Vacancy 2025

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रायगढ़ जिला के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना अंतर्गत संचालित विद्यालयों में रिक्त 58 पदों पर मेरिट के आधार पर संविदा नियुक्ति किया जाना है, जिसके लिये दिनांक 22.05.2025 से 01.06.2025 तक गूगल फॉम के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। पदों से संबंधित विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है, तथा नीचे विभागीय विज्ञापन का पीडीएफ डाउनलोड करने का लिंक भी दिया गया है जहां से आप विस्तृत जानकारी देख सकते है।

कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ छ.ग.अंतर्गत विभिन्न शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय पदों पर भर्ती: Raigarh Jila Vacancy 2025

पदों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विवरण इस प्रकार है:–

भर्ती

विवरण

विभाग/संस्था का नाम

कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ छ.ग.

पद का नाम


विभिन्न  

पदों की संख्या

58

कैटेगरी

संविदा नौकरी

नौकरी स्थान

रायगढ़ छ.ग.

अंतिम तिथि

01/06/2025

ऑफिशियल वेबसाइट

https://raigarh.gov.in/

सैलरी

पदों के अनुसार भिन्न भिन्न

आवेदन मोड 

ऑनलाइन (गूगल फॉर्म के माध्यम से )

पदों के नाम और उनकी शैक्षणिक योग्यताएं 

पदों हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता निम्नानुसार होना अनिवार्य होगा:–

1. अभ्यर्थियों की सम्पूर्ण स्कूली शिक्षा (माध्यमिक स्तर से अंत तक) केवल अंग्रेजी माध्यम से (व्याख्याता हिन्दी एवं संस्कृत पद को छोड़कर) ही हुई हो। अभ्यर्थियों को मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालय से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। सक्षम अधिकारी द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र को ही मान्य किया जावेगा। 

2. व्याख्याता-सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत स्नातकोत्तर (भूगोल/इतिहास/अर्थशास्त्र / राजनीति) तथा बी.एड. की उपाधि रखने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते हैं। व्याख्याता अंग्रेजी पद हेतु स्नातकोत्तर में अंग्रेजी मुख्य भाषा के रुप में होना अनिवार्य होगा।

3. व्याख्याता हिन्दी एवं संस्कृत पद हेतु अभ्यर्थी को स्नाकोत्तर उसी विषय से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण होना तथा बी.एड. प्रशिक्षित होना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थी को हिन्दी अथवा अंग्रेजी माध्यम में अध्यापन कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

4. शिक्षक पद हेतु निर्धारित योग्यता के साथ बी.एड. एवं टी.ई.टी./सी.टी.ई.टी. उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

5. शिक्षक कला हेतु स्नातक में अंकित विषयों (भूगोल, इतिहास / अर्थशास्त्र,/ राजनीति) में से दो विषय अनिवार्य रूप से होनी चाहिये एवं बी.एड. प्रशिक्षित होना अनिवार्य है।

6. व्यायाम शिक्षक हेतु निर्धारित योग्यता के साथ बी.पी.एड. उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

7.कंप्यूटर शिक्षक पद हेतु स्नातक (बी.ई./बी.टेक./बी.एस.सी./ बी.सी.ए.) कम्प्यूटर साईंस से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण होने के साथ-साथ बी.एड. प्रशिक्षित एवं होना अनिवार्य है।

8. सहायक शिक्षक पद हेतु डी.एड./ डी.एल.एड एवं टी.ई.टी./सी. टी.ई.टी उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।

9. ग्रंथपाल के पद हेतु निर्धारित योग्यता के साथ बी.लीब. उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।

10. प्री-प्राईमरी टीचर के पद हेतु एन.टी.टी./डी.एड. / डी.एल.एड उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थी अंग्रेजी माध्यम में अध्यापन का अनुभव एवं अंग्रेजी भाषा बोलने, पढ़ने में दक्ष हो। 

कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ छ.ग.अंतर्गत विभिन्न शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय पदों पर भर्ती: Raigarh Jila Vacancy 2025

महत्वपूर्ण तिथियां  :–

प्रमुख

तिथि

आवेदन की प्रारंभिक तिथि

22/05/2025

आवेदन की अंतिम तिथि

01/06/2025 तक

विभिन्न पदों के नाम और गूगल फॉर्म से आवेदन करने का लिंक 

व्याख्याता

https://tinyurl.com/ze7nscsv

प्रधान पाठक माध्यमिक खण्ड

https://tinyurl.com/azm4ap9m

प्रधान पाठक प्राथमिक खण्ड पद

https://tinyurl.com/y3eyxr6j

शिक्षक/व्यायाम शिक्षक/कम्प्यूटर शिक्षक पद

https://tinyurl.com/2hrkfxk8

ग्रंथपाल

https://tinyurl.com/bp7xzx5k

सहायक शिक्षक

https://tinyurl.com/3mjtxayb

प्रयोगशाला सहायक

https://tinyurl.com/mtcf628p

प्री-प्राईमरी टीचर

https://tinyurl.com/3fjvcduk

भर्ती सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण लिंक :-

महत्वपूर्ण

लिंक

विभागीय विज्ञापन 

click here..

आवेदन का प्रारूप 

Click Here..

अधिकारिक वेबसाइट

https://raigarh.gov.in/

व्हाट्सएप ग्रुप लिंक

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वर्तमान की कुछ और भर्तियां,इन्हें भी देखें नीचे लिंक पर क्लिक करें

जिला पंचायत बलरामपुर में भ्रीत्य, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लेखपाल सहित विभिन्न पदों पर भर्ती।

जिला मोहला मानपुर अं. चौकी छ.ग. में महिला संरक्षण अधिकारी के पद पर भर्ती।

सुकमा जिले में जेंडर विशेषज्ञ और समन्वय विशेषज्ञ के पदों पर निकली भर्ती।


छत्तीसगढ़ की कुछ अन्य महत्वपूर्ण खबरें। 

800 करोड़ में लगेंगे बायो-सीएनजी प्लांट 25 साल की लीज पर देंगे 10 एकड़ जमीन..

छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में मायो-सीएनजी प्लांट लगाए जाएंगे। रायपुर, भिलाई समेत आठ निकायों में जमीन का चिन्हांकन किया जा सका है। इन स्थानों पर बीपीसीएल और गेल 800 करोड़ का प्लांट लगाएंगे। कैबिनेट से अप्रुवल के बाद इन दोनों कंपनियों को एक रुपए वार्गमीटर में 10 एकड़ जमीन 25 साल की लीज पर दी जाएगी। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को चिट्ठी भेजी है। दरअसल, पिछले महीने हुईं कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट और खेत से निकलने वाले अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए रियायती लीज दर पर सरकारी जमीन दी जाएगी। इसके लिए सभी नगर निगमों को अधिकृत किया गया था। भारत में उपयोग होने वाले सीएनजी का लगभग 46 फीसदी वर्तमान में आयात किया जात है और सरकार का लक्ष्य बायो-सीएनजी के उत्पादन और खपत के माध्यम से इस निर्भरता को कम करना है। बायो सीएनजी, जिसे बायो कंप्रेस्ड नेचुरल गैस भी कहा जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से वाहनों के ईंधन और घरेलू उपयोग में किया जाता है। साथ ही सीएनजी को ईंधन देने के लिए, एलपीजी के विकल्प के रूप में खाना पकाने और हीटिंग के लिए, बिजली उत्पादन के लिए, कुछ उद्योगों में हीटिंग और अन्य प्रक्रियाओं के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का अनुमान है कि भारत में बायो-सीएनजी उत्पादन की क्षमता लगभग 70 मिलियन मीट्रिक टन है। इसका उत्पादन बाजार की मांग के अनुरूप है, जिससे यह आर्थिक रूप से पूरी तरह व्यावहारिक है।अपशिष्ट का उपयोग करके लैंडफिल में डाले जाने वाले ठोस अपशिष्ट से जुड़ी समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है। देश में 2050 तक तेल और गैस की खपत तीन गुना होने की उम्मीद है। बायो-सीएनजी को मांग को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा स्नात के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।

बायोसीएनजी का उत्पादन जैविक अपशिष्ट पदार्थों जैसे पशु अपशिष्ट, खाद्य अपशिष्ट और औद्योगिक कीचड़ को बायोगैस और डाइजेस्टेट में तोड़कर किया जाता है। यह प्रक्रिया एक सीलबंद, ऑक्सीजन रहित टैंक में होती है, जिसे एनाग्रेबिक डाएजेस्टर भी कहा जाता है। फिर बायोगैस को संसाधित किया जाता है, जिससे 95 फीसदी शुद्ध मीथेन गैस प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया से उच्च गुणवत्ता वाला सांद्रित तरल उर्वरक प्राप्त होता है।बायोमीथेन बायो सीएनजी के दो नाम है। बायोमास को बायोगैस में परिवर्तित करके बनाया जाता है। बायोगैस को फिर शुद्ध करके ग्रिड-गुणवत्ता वाली गैस में बदल दिया जाता है, क्योंकि इसकी संरचना और विशेषताएं प्राकृतिक गैस के समान हैं, इसलिए इसका उपयोग कई अनुप्रयोगों में प्राकृतिक गैस के रूप में किया जा सकता है।


बीए.बीएड और बीएससी.बीएड में उस साल भी होगा एडमिशन प्रवेश परीक्षा के लिए व्यापमं को जाएगा प्रस्ताव..

बी ए और बीएससी.बीएड में इस साल भी एडमिशन होगा। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने सत्र 2025-26 में प्रवेश की अनुमति दी है। अब इसके लिए भी व्यापमं से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए जल्द ही एससीईआरटी से प्रस्ताव जाएगा। यह चार वर्षीय बीएड कोर्स है। इसमें बारहवीं के आधार पर प्रवेश दिए जाते हैं। 

जानकारी के मुताबिक देश में अभी बीए.बीएड, बीएससी. बीएड और बीकॉम बीएड का चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम यानी आई टी ई पी प्रोग्राम संचालित है। बीएड का पुराना चार वर्षीय कोर्स बंद होगा और आईटीइपी के तहत ही यह कोर्स ही संचालित होगा। सत्र 2024-25 यानी पिछले साल पुराने कोर्स में एडमिशन के लिए आखिरी सत्र था। इसलिए इस बार एससीईआरटी ने व्यापमं को इस कोर्स की प्रवेश परीक्षा का प्रस्ताव नहीं भेजा था। कुछ दिन पहले एनसी टी पी ई की बैठक हुई। इसमें बीए.बीएड और .बीएड को आइटीईपी में ट्रांजिट करने की अंतिम सीमा में एक साल की छूट दी गई है। साथ ही 2025-26 में प्रवेश देने की अनुमति दी है। इसलिए अब व्यापमं से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के तीन कॉलेजों में इस कोर्स की पढ़ाई हो रहो है। इनमें 200 सीटें हैं। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल अनएडेड कॉलेज ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य महेंद्र चौबे का कहना है कि एनसीटीई के इस निर्णय से राज्य के छात्रों को प्रवेश लेने का अवसर मिलेगा। बारहवीं पास छात्र इसमें प्रवेश ले सकते हैं।


पत्रकारिता विवि: 2 जून से शुरू होंगी सेमेस्टर परीक्षाएं..

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय को सेमेस्टर परीक्षाएं 2 जून से शुरू होगे।कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं 2 जून से शुरू होगी। इसको संशोधित समय सारणियों जाये की गई है।  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, मास कम्युनिकेशन, मास्टर ऑफ जर्नलिज्म, बीजेएमसी आदि की द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर को परीक्षा होगी। इसके लिए पिछले दिनों आवेदन मंगाए गए थे। पत्रकारिता विवि की वेबसाइट पर टाइम-टेबल जारी किया गया है।


सीजी बोर्ड: पूनर्मूल्यांकन में 10% नंबर बढ़ने पर चेंज होगा रिजल्ट..

सीजी बोर्ड बारहवीं के नतीजे हाल ही में जारी हुए। अपने रिजल्ट से असंतुष्ट छात्र पूनर्मूल्यांकन व पुनर्गणना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कापियों का फिर से मूल्यकन होगा। यदि संबंधित विषय में 10 प्रतिशत नंबर बढ़ते हैं तब रिजल्ट में बदलाव होगा और छात्र को नई अंकमूची मिलेगी। पुनर्गणना के तहत कपियों की दोबारा जांच नहीं होगी पहले मूल्यांकनकर्ता ने जो नंबर दिए हैं, उसे फिर से जोड़ा जाएगा। इसमें 1 अंक कम या ज्यादा होने पर भी छात्रों को नई मार्कशीट मिलेगी। दसवीं-बारहवीं के नतीजे 7 मई को जारी किए गए। दसवीं में 76.53 प्रतिशत और बारहवीं में 81.87 प्रतिशत पाम दर हैं। नियमानुमार रिजल्ट आने के बाद 15 दिनों के अंदर रीबैल, रीटोटलिंग और आंसरशीट की छायाप्रति के लिए आवेदन करना जरूरी है। इस तरह से 22 मई आवेदन की आखिरी तारीख है यह देखा गया है  बाद अलग अलग विषयों में छात्राओं के 15 से 20 नंबर या उससे अधिक नंबर बढ़े।इसकी वजह से कई टॉप-10 की मेरिट लिस्ट में भी शामिल हुए। इसे लेकर संभावना है कि इस बार भी रिवेल के लिए बढ़ी संख्या में आवेदन आ सकते है। पुनर्मूल्यांकन, पुनर्गणना और उत्तरपुस्तिका की  छायाप्रति के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू है। छात्र तीनों प्रक्रिया, या दो प्रक्रिया या किसी एक प्रक्रिया के लिए निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन कर सकते हैं।


आदिवासी संस्कृति पर रिसर्च के लिए पं. रविशंकर विवि में खुलेगा शोधपीठ..

विलुप्त हो रही देश और प्रदेश की आदिवासी संस्कृति को सहेजने प॑. रविशंकर विश्वविद्यालय ने पहल को है। यहां छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति एवं उत्तरपूर्वी भारत को आदिवासी संस्कृति के अध्ययन और शोध के लिए श्रीमंत शंकर देव अनुसंधान पीठ की स्थापना की जाएगी। यह पीठ आदिवासी बोली-भाषा, रहन-सहन, पर्व और रीति रिवाज का अध्ययन व शोध करेगी। अनुसंधान पीठ को स्थापना और संचालन के लिए 5 करोड़ की संरक्षित निधि के निर्माण का प्रावधान किया गया है। सत्र 2025-26 के बजट में संरक्षित निधि के लिए प्रारंभिक अंशदान के रूप में विश्वविद्यालय द्वारा 25 लाख रुपए का प्रावधान किया जाएगा। पीठ की स्थापना और गठन को लेकर विश्वविद्यालय विद्यापरिषद की  बैठक में स्वीकृति दी गई है।

 प्रदेश में आदिवासी संस्कृति समृद्ध है, इस पर शोध होगा। बोलीभाषा, रन-सहन, पर्व और रीति रिवाज का अध्ययन किया जा सकेगा। इसके साथ विलुप्त हो रहो ट्राइवल संस्कृति को संरक्षित करने का काम होगा।


सिकासेर-कोडार लिंक नहर परियोजना मोदी की गारंटी में हे शामिल..

प्रदेश में बांधों को जोड़ने बाली पहली परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद भी कई औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ेगी। सिकासार-कोडर लिंक नहर परियोजना से जल संवर्धन और जल संरक्षण की दिशा में भी काफी मदद मिलेगी। हालांकि मंजूरी के बाद इसमें पर्यावरणीय स्त्रीकृति और भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें ही कुछ समय लग सकता है। राज्य सरकार की यह परियोजना पहले ही मोदी की गारंटी में शामिल है। यही वजह है कि प्राथमिकता के साथ निर्धारित समय में सर्वे कार्य पूरा कर प्रावककलन भेजा गया है। इस परियोजना का सर्वेक्षण भी लिडार तकनीक से कराया गया है। सिकासार-कोडार लिंक नहर परियोजना से दोनों जिलों के भीच के दायरे में आने वाले गांवों में काफी हद तक पानी की समस्या से निजात मिलेगी। विभागीय अफसरों की मानें तो इससे भूजल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी। वहीं परियोजना के दायरे में आने वाले गांवों को फायदा होगा। इस दांयी तट नहर लिंक परियोजना के तहत 112 किमी मुख्य नहर निर्माण प्रस्तावित है।


वक्‍त पर नहीं बदल सके बीए-बीएससी बीएड का नाम, भेजेंगे व्यापम को परीक्षा लेने प्रस्ताव..

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा बोए बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम का नाम तय वक्‍त पर नहीं बदला जा सका। इसके कारण शैक्षणिक सत्र 2025-26 में इन पाठ्यक्रमों के संचालन पर संदेह की स्थिति बनी हुई थी। अब नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन द्वारा नाम परिवर्तन के लिए एक वर्ष का अतिरिक्त समय मिल गया पाठ्यक्रमों में दाखिले होंगे। चूंकि पूर्व में इन कोर्स के संचालन के लिए संदेह की स्थिति बनी हुई थी, इसलिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने व्यापम को प्रस्ताव नहीं भेजा गया था। 

अब पुराने नाम के साथ पाठ्यक्रम संचालन की अनुमति मिलने पर व्यावसायिक परीक्षा मंडल को प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने प्रस्ताव भेजा जाएगा। तत्पश्चात व्यापम द्वारा इसके लिए शेड्यूल जारी होगी। गौरतलब है कि व्यापम द्वारा सभी प्रवेश परीक्षाओं के शेड्यूल भी जारी किए जा चुके हैं। केवल बीए-बीएससी-बीकॉम बीएड का शेड्यूल तय नहीं हुआ है। दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड पाठ्यक्रम का नाम बदलकर आईटीईपी अर्थात इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम किया जाना है। नाम परिवर्तन के लिए सभी राज्यों को सत्र 2024-25 तक का समय दिया गया था, लेकिन तय समय पर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाने के कारण एससीईआरटी यह बदलाव नहीं कर सका।

प्रदेश में बीए-बीएड व बीएससी बीएड की 200 सीटें हैं। इन सीटों में दाखिले व्यापम द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से होते हैं। बारहवीं उत्तीर्ण विद्यार्थी इन पाठयक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। इस चार वर्षीय पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को उनके संकाय बीए अथवा बीएससी के साथ बीएड पाठ्यक्रम का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। सामान्य बीएड पाठ्यक्रम दो क्यों का होता है और उसमें दाखिले स्नातक के बाद मिलते हैं। इस तरह से इसमें पांच वर्ष का समय लगता है। इंटीग्रेटेड बीए बीएड और बीएससी बीएड में छात्रों का एक वर्ष का समय बच जाता है।

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन पारा द्वारा अनुमति दिए जाने से इस सत्र में 200 सीटों पर छात्र प्रवेश लेकर अपना एक साल बच सकेंगे। बीएड कॉलेज एसोसिएशन के सदस्य महेंद चौबे के अनुसार, 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स संचालित करने वले सभी महाविद्यालयों को अगले सत्र तक आईटीईपी में ट्रांजिट होना होगा। आईटीईपी में बीकॉम भी शामिल होगा। फिलहाल इंटीग्रेटेड बीएड में केवल बीए और बीएससी को ही शामिल किया गया है।


बर्खास्त 106 कर्मियों को सुनकर तय करें कि उनको नौकरी पर रखना है या नहीं..

बिलासपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैक के 106 कर्मियों की बर्खास्तगी के मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जिला सहकारी केंद्रीय बैक की अपील आंशिक रूप से स्वीकार की है। कोर्ट ने सहकारी बैंक की अपील पर सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें सहकारी बैंक के कर्मचारियों की बर्खास्तगी को गलत ठहराते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने जिला सहकारी केंद्रीय बैक को यह आदेश दिया है कि वह निकाले गए कर्मचारियों का पक्ष जानने के बाद ही यह तय करे कि उन्हें नौकरी पर रखना है या बर्खास्त करना है। वर्ष 2016 में जिला सहकारी केंद्रीय बैक प्रबंधन ने 106 लोगों को नियुक्ति दी थी, जिन्हें बाद में बर्खास्त कर दिया गया था।इस मामले में 29 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कार्रवाई को चुनौती दी। जस्टिस ए.के.प्रसाद की सिंगल बैच

ने जिला सहकारी केंद्रीय वैक के संबंधित कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का आदेश निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने माना कि कर्मचारियों का पक्ष जाने बिना ही उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, बिलासपुर में भाजपा नेता देवेंद्र पांडेय के अध्यक्षीय कार्यकाल में 2016 में 106 कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। इसके लिए एक एजेंसी के जरिये उम्मीदवारों की परीक्षा ली गई और फिर इंटरव्यू के बाद नियुक्‍्तियां दी गई भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायत होने के बाद तत्कालीन सीईओ और कलेक्टर ने सभी लोगों को बर्खास्त कर दिया था। बताया जाता है कि इन भर्तियों के लिए विधिवत ढंग से अनुमति नहीं ली गईं थी। वहीं कई लोग परीक्षा में नहीं बैठे और उन्हें भी नौकरी दे दी गई। इंटरव्यू कमेटी में बैंक प्रबंधन ने अपने ही अपात्र कर्मचारियों को शामिल कर लिया था।


बीए.बीएड और बीएससी. बीएड में इस साल भी होगा एडमिशन..

बीए.बीएड और बीएससी. बीएड में इस साल भी एडमिशन होगा। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने सत्र 2025-26 में प्रवेश की अनुमति दी है। अब इसके लिए भी व्यापमं से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए जल्द ही एससीईआरटी से प्रस्ताव जाएगा। यह चार वर्षीय बीएड कोर्स है। इसमें बारहवीं के आधार पर प्रवेश दिए जाते हैं। 

जानकारी के मुताबिक देश में अभी बीए.बीएड, बीएससी. बीएड और बीकॉम बीएड का चार  इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम यानी आईटीईपी प्रोग्राम संचालित है। बीएड का पुराना चार वर्षीय कोर्स बंद होगा और आईटीईपी के तहत ही यह कोर्स ही संचालित होगा। सत्र 2024-25 यानी पिछले साल पुराने कोर्स में एडमिशन के लिए आखिरी सत्र था। इसलिए इस बार एससीईआरटी ने व्यापमं को इस कोर्स की प्रवेश परीक्षा का प्रस्ताव नहीं भेजा था। कुछ दिन पहले एनसीटीई की बैठक हुई। इसमें बीए.बीएड और बीएड को आईटीईपी में ट्रांजिट करने की अंतिम सीमा में एक साल की छूट दी गई है। साथ ही 2025-26 में प्रवेश देने की अनुमति दी है। इसलिए अब व्यापम से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के तीन कॉलेजों में इस कोर्स की पढ़ाई हो रही है। इनमें 200 सीटें हैं। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल अनएडेड कॉलेजेज ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य महेंद्र चौबे का कहना है कि एनसीटीई के इस निर्णय से राज्य के छात्रों को प्रवेश लेने का अवसर मिलेगा। बारहवीं पास छात्र इसमें प्रवेश ले सकते हैं।


प्रदेश में आज 51 हजार पीएम आवास हितग्राहियों का होगा गृह प्रवेश..

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान 13 मई को अम्बिकापुर में आयोजित “मोर आवास, मोर अधिकार' कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्क्रम का आयोजन अम्बिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में किया जाएगा इस दौयन मुख्य अतिथि श्री चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और पीएम जनमन के आवास हितग्राहियों को खुशियों की चाबी देंगे तथा आवास के निर्माण प्रारंभ करने वाले हितग्राहियों का भूमिपूजन कर उन्हें आवास स्वीकृति पत्र प्रदान करेंगे। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान राज्य में नवनिर्मित 51 हजार प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों का गृह प्रवेश करवाएंगे। इसके साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाली सत्र सहायता समूह की दीदियों, लखपति दीदियों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे।वहीं अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री आआस एवं शहरी मामले तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह उपस्थित रहेंगे। इसी प्रकार विशिष्ट अतिथि के रूप में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।


बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों ने समायोजन के फैसले पर जताई खुशी, आभार रैली निकाली..

दिसंबर में बर्खास्त प्रदेशभर के बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों ने सोमवार को राजधानी में अपने समायोजन के प्रति सरकार का आभार जताने रैली निकाली। तपती धूप में बूढ़ापारा के इंडोर स्टेडियम से नेताजी सुभाष स्टेडियम तक पैदल चलकर सभो ने थेंक्यू-थैंक्यू सीएम साहब के नारे लगाये। उनका कहना था कि 126 दिनों के प्रदर्शन का फल उन्हें समायोजन के रूप में मिला है। दरअसल, मुख्यमंत्री की साय कैबिनेट की 30 अप्रैल को हुईं बैठक में बर्खास्त 2 हजार से अधिक बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी गयी। सभी प्रभावित सहायक शिक्षकों के समायोजन का फैसला लिया गया। राज्य सरकार द्वारा सहायक शिक्षक प्रयोगशाला विज्ञान के पद पर समायोजन किये जाने के निर्णय को लेकर खुशी जताने सोमवार को प्रदेश के विभिन्‍न जिलों से आये शिक्षकों ने आभार रैली निकाली। इस दौरान हाथों में बेनर पोस्टर लिये शिक्षकों ने एबीसीडी ईएफ जी, थैक्यू-थैंक्यू सीएम जी के नारे लगाये। साथ हो राज्य सरकार से अपील की गयी कि समायोजन की प्रक्रिया को जल्द हो पारदर्शी तरीके से पूरी की जाये।


2000 सरोवरों का निर्माण, 4.32 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का टारगेट..

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मिशन अमृत सरोवर के तहत प्रदेश में 2,900 सरोवरों का निर्माण हुआ है। अब 192 स्थलों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि वॉटरशेड की स्कीम के तहत पुरानी जल संरचना को ठीक करना और नई संरचना बनाई जा रही है। चौहान ने कहा कि आजीविका मिशन के तहत 2.71 लाख समूह की 29 लाख बहने जुड़ी हुई हैं इनमें से 4.32 लाख बहनो को लखपति बनाना का लक्ष्य रखा गया है। 

चौहान ने राजधानी रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में इसकी जानकारी दी। चौहान ने बताया कि पीएम ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ ने 42,671 किमी सड़कों का निर्माण किया है, 447 पुल बनाए हैं। जनमन योजना में 715  सड़कों के निर्माण का काम 1,698 करोड़ रुपये से चल रहा है। यहां 24 लाख किसानों की किसान आईडी बन चुकी है। यहां उत्पादन बढ़ाने, फल सब्जी का उत्पादन करने का काम हो, बेहतर काम हो रहा है। कृषि विकास योजना, पर ड्रॉप, मोर क्रॉप, मेकेनाइजेशन के लिए 215 करोड़ 3 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है। उन्होंने कहा कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों' की सराहना करते हुए कहा कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।

चौहान ने कहा कि आपरेशन सिंदूर से पूरा देश गौरवान्वित है। आप सबने देखा कि पाकिस्तान ड्रोन छोड़ रहा था। वो ड्रोन तिनके की तरह उड़ गए। हमने उनका एक भी ड्रोन अपनी धरती पर गिरने नहीं दिया। शिवराज ने कहा कि कई हिस्से पाकिस्तान के ऐसे थे, जो हमारे लक्ष्य से दूर नहीं थे। उन्होंने सिंदूर उजाड़ा तो हमने आतंकवाद के अड्डे ही समाप्त कर दिए। अब इसके बाद भी अगर रोना है, तो कांग्रेस कम से कम इतना तो ना करें कि मोदी का विरोध करते-करते वह सेना और देश का विरोध करने लगें। उन्हें सेना का विरोध नहीं करना चाहिए।


संविदा पदों पर भर्ती के लिए चयन और प्रतीक्षा सूची जारी..

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जिला स्तर के रिक्त 48 संवर्ग के 148 संविदा पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिसमें 9 संवर्ग के 10 संविदा पद के लिए दावा आपत्ति मंगाई गई थी। दावा आपत्ति के निराकरण उपरांत चयन समिति द्वारा चयन एवं प्रतिक्षा सूची जारी की गई है। जिसे जिले के एवं कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नोटिस बोर्ड में देखा जा सकता है।


आई टी आई में प्लेसमेंट कैंप आज..

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कोरबा में गुरुवार 15 मई को प्रातः 9.30 बजे से प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इस प्लेसमेन्ट कैम्प के माध्यम से एल एंड टी कंस्ट्रक्शन स्किल्स ट्रेनिंग इंस्टिटयूट नीरवेलूर कांचीपूरम तमिलनाडू द्वारा तकनीशियन पद व्यवसाय विद्युतकार/वायरमेंन, बेल्डर, प्लंबर, कारपेंटर, फिटर, मेशन, ड्राफ्टसमेन सिविल, सर्वेयर, मोल्डर, शीट मेटल वर्कर, फायर टेक्नॉलाजी एण्ड इडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट के 30-30 पद की भर्ती की जाएगी। व्यवसाय से आईटीआई उत्तीर्ण इच्छुक आवेदक अपने समस्त मूल दस्तावेज एवं दो सेट फोटो कापी तथा पासपोर्ट साइज फोटो के साथ समय पर उपस्थित हो सकते हैं।


रविवि की प्रवेश परीक्षा अब 5 जून से कॉलेजों में मार्क्स के आधार पर एडमिशन..

प॑ रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा अब 8 जून को होगी। इसका शेड्यूल बदला गया है। पहले यह परीक्षा 22 मई से शुरू होने वाली थी। उधर, विवि से संबद्ध कॉलेजों में संचालित यूजी पीजी पाठ्यक्रमों के इस बार भी एंट्रेस एग्जाम नहीं होगा।

रविवि अध्ययनशाला में संचालित विभिन्र कोर्स में एडमिशन के लिए पिछले दिनों आवेदन मंगाएं गए थे। नए शेड्यूल के अनुसार 8 जून को दोपहर 1 बजे से कैमस्टी, इनवायरमेंटल साइंस, एलएलएम और एमपीएड के लिए परीक्षा होगी। दोपहर 3.30 बजे से जियोलाँजी, एमटेक, सांख्यिकी, फरिसिंक साईंस, रिन्युएबल एनर्जी और यायोसाईंस की परीक्षा होगी। 11 जून को दोपहर 1 बजे से फिजिक्म एंड इलेक्ट्रॉनिक, एंग्रोपोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बीवॉक। द्वितेय पाली दोपहर 3.30 बजे से बीएएलएलबी, बी.लिब, एम.लिब, एमकॉम, बायो केमिस्ट्री 15 जून प्रथम पाली दोपहर 1 बजे एमए छत्तीसगढ़ी, एप्लाइड फिलोसफी एंड योगा, भूगेल, इतिहास, प्राचीन भारतोय इतिहास, अर्थशास्त्र, भाषा विज्ञान, साइकोलॉजी, समाजशास्त्र रूरल डेवलपमेंट, एमएसडब्ल्यू, हिंदी, सिंधी, होटल मैनेजमेंट और एमएड। 3.30 बजे से मैथ्म, एमएससी इंफेमेंशन टैक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, माइक्रोबायोलॉजो, एमए. इंग्लिश, बीपीएड की प्रवेश परीक्षा होगी।

उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध प्रदेश के कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू छोगी। इसे लेकर तैयारी की जा रहो है। पिछली बार मार्क्स के आधार पर मेरिट बनी थी और एडमिशन दिए गए थे इस बार भी यही प्र क्रिया अपनाईं जा सकते है। जैसे बीए, बीकॉम, बीएससी में प्रवेश के लिए बारहवीं के नंबरों को आधार बनाया जाएगा। इसके अनुसार मेरिट बनेगो। इसी तरह पीजी कोर्म में एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन में मिले नंबरों को आधार बनाया जाएगा। राज्य में 335 शासकीय और 314 प्राइवेट कॉलेज हैं।


प्लेसमेंट कैंप में नौकरी के लिए 110 पद, 43 का ही चयन..

प्लेसमेंट कैंप में सुपरवाईजर एवं सुरक्षाकर्मी के 110 पदो पर नौकरी देने के लिए कैंप आयोजित किया गया था। इधर जो वैकेंसी निकाली गई थी। उसके तहत नौकरी पाने महज 62 बेरोजगार युवक ही पहुंच सके। इनमें भी महज 43 युवाओं का ही चयन हो सका है। जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नौकरी दिलाने से लेकर उनको प्रेरित करने को लेकर विभाग कितना गंभीर है। गौरतलब है कि बेरोजगार युवाओ को नौकरी देने के उदेश्य से हर महीने प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार युवाओ को नौकरी दिया जा सके। इसी कडी में बुधवार 14 मई को जिला मुख्यालय जांजगीर के लाईवलीहुड कालेज में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रायपुर सुरक्षा विभाग की कंपनी के द्वारा सुपरवाईजर के 50 पद, 4 गार्ड के 60 पद कुल 110 पदो के लिए बेरोजगार युवाओ को नौकरी देने के लिए बुलाया गया था। महज 62 बेरोजगार युवा ही नौकरी पाने के लिए पहुंचे। इनमें भी 43 युवाओ का ही चयन हो सका है। कुल मिलाकर देखा जाए तो जितने पद कंपनी के द्वारा स्वीकृत किया गया था। उसके तहत ता वा नौकरी को लेकर आवेदन हीं डाले। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है बेरोजगार युवा नौकरी पाने को लेकर कितना गंभीर है। वहीं दुसरी ओर जिम्मेदार विभाग के अफसर युवाओ को नौकरी से जोड़ने प्रेरित नहीं कर पा रहे है। रोजगार कार्यालय में हर महीने प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जाता है, इसके बावजूद बेरोजगार युवा नौकरी पाने को लेकर ध्यान तक नहीं दे रहे है।


नक्सल प्रभावित मुलेर में स्कूल-अस्पताल खुलेगा, सीएम का जवानों के साथ भोजन, बोले-नक्सल मुक्त होगा छत्तीसगढ़..

छत्तीसगढ़ में साय सरकार सुशासन तिहार मना रही है। इसी क्रम में सीएम विष्णुदेव साय दंतेवाड़ा सुकमा जिले के सरहदी गांव मुलेर में अचानक पहुंचे।सीएम साय ने यहां लोगों से सीधी बात की। साथ दी गांव में ही हॉस्पिटल और स्कूल बनवाने के निर्देश भी दिए। दरअसल, मुलेर ऐसा नक्सल प्रभावित गांव है जहां आम दिनों में सरकारी कर्मचारी भी नहीं जाते। वहां सीएम ने पूरी सरकार बिठा दी।वहीं, मुलेर के बाद सीएम साय अचानक ही गलगम कैंप पहुंचे। यह कैंप बीजापुर जिले में करेंगुट्या के पहाड़ों के पहले हाल ही में बनाया गया है। केंप में सीएम ने जवानों से मुलाकात की और करेंगुट्आ ऑपरेशन के संबंध में जानकारी ली। साथ दी जवानों के साथ बड़ा खाना (दोपहर का भोजन) किया। सीएम करीब एक घंटे तक जवानों के साथ रहे और कहा कि जवानों के अदम्य साहस और समर्पण से ही छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त होगा।


संस्कृत बोर्ड: दसवीं में 53.49 प्रतिशत बारहवीं में 71.01 प्रतिशत छात्र पास..

संस्कृत बोर्ड छत्तीसगढ़ के नतीजे शुक्रवार को जारी किए गए। पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (दसवीं) 53.49 प्रतिशत और उत्तर मध्य (बारहवीं) में 71.01 प्रतिशत नियमित छात्र पस हुए हैं। पिछली बार को तुलना में इस बार का रिजल्ट कमजोर रहा है बारहवीं में 612 अंकों के साथ बलौदाबाजार निवासी प्रिन्सी मधुकर और दसवीं में 557 अंक प्राप्त कर जशपुर निवासी रीना टॉपर रहीं। इसी तरह पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष यानी कक्षा नवमी और उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष ग्यारहवीं के नतीजे भी जारी किए गए। नवमीं में 44.59 नियमित छात्र पास हुए। जबकि ग्यारहवीं का रिजल्ट 56.51 प्रतिशत रहा।

स्वाध्यायी छात्रों की बात की जाए ते नवमी और दसवीं में 50 प्रतिशत, ग्यारहवीं में 51.11 % और 12वीं में 62% छात्र पास हुए है पूर्व के वर्षों के नतीजों को देखने से पता चलता है कि संस्कृत बोर्ड में अधिकांश छात्र पास होते थे। 2024 की परीक्षा में भी दसवीं में 79.9 % और बारहवीं में 90 % छात्र पास हुए थे। लेकिन इस बार अधिक संख्या में छात्र फेल हुए हैं। नवमी से बारहवीं की परीक्षा में अध्ययनरत 2948 नियमित छात्र थे। इसमें 588 पास हुए हैं। जबकि 834 फेल और 526 को पूरक मिला। इसी तरह 110 स्वाध्यायी छात्र थे। इनमें से 63 पास हुए हैं। 29 फेल और 18 छात्रों को पूरक मिला है। संस्कृत बोर्ड की परीक्षा  मार्च में आयोजित की गई थी।

माध्यमिक शिक्षा मंडल की सीजी बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाले छात्रों को डेढ़ लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। लेकिन संस्कृत बोर्ड के टॉपर को कोई राशि नहीं मिलती है। इनके टॉपरों को भी यह राशि देने की मांग की जा रही है। संस्कृत बोर्ड की दसवीं-बारहवीं परीक्षा में टॉप करने कले छात्रों को अस्थाई मैरिट लिस्ट भी जारी की गई है ।


कुपोषित बच्चों की फौज, आंकड़ा 22000 से बढ़कर 23 हजार पार..

बस्तर में चलाए जा रहे कुपोषण मुक्त बस्तर अभियान का इन दिनों बुरा हाल है, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बस्तर जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्‍न योजनाओं का सही लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि जिले में 22 हजार कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़कर 23 हजार से अधिक पहुंच गया हैं। इन बच्चों में कुपोषण को दूर नहीं किया गया तो तो आने वाले दिनों में ये कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। 

ज्ञात हो कि कुपोषण में कमी के दावे के बीच अचानक आई वजन त्योहार की रिपोर्ट ने कुपोषण को दूर करने के लिए की जा रही कोशिशों की पोल खोल दी है। कुपोषण को दूर करने के लिए हर साल महिला बाल विकास विभाग द्वारा करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक पैसे खर्च किए जा रहे हैं। बस्तर जिले में 1981 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं और शहर में 72 केंद्र चलाए जा रहे हैं। विभाग के मुताबिक इन केंद्रों में 85 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं, समय-समय पर इन केंद्रों में शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, बावजूद इसके विभाग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक 23 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार हैं और इनमें अधिकतर ग्रामीण अंचलों के बच्चे शामिल है। इसके पीछे वजह यह बताया जा रहा है कि इन बच्चों तक सही पोषण आहार नहीं पहुंच पा रहा है। कुपोषित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व परियोजना अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गुड़ की चिक्की, केला और अंडा खाने को दिया जाता था जो नहीं मिलता वर्तमान में बस्तर जिले में कुपोषण 27.91 प्रतिशत बच्चे कुपोषित मिले है। इसके पूर्व 2023-24 में जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या 25.11 प्रतिशत थी।


छत्तीसगढ़ में वनभैंसा, मैना, पेंगोलीन समेत कई प्रजातियों पर संकट के बादल..

छत्तीसगढ़ में विभिन्‍न वन्यजीवों, पक्षियों व वनस्पतियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इनमें राजकीय पशु वनभेंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, गिद्ध, बाघ, गौर, ढोल व पैंगोलिन प्रमुख रूप से शामिल हैं। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए बन विभाग की ओर से लगातार कई कदम उठाए रहे हैं, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। सरकार संरक्षण-संवर्धन के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है । 

वन्यजीवों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय लुप्तप्राय: प्रजाति दिवस(नेशनल एंडेंजर्ड स्पीशीज डे) हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को भारत में मनाया जाता है। इस साल 2025 में यह दिवस 16 मई को मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य लुप्तप्राय प्रजातियों को खतरा पैदा करने वाली मानवीय गतिविधियों को रोकने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है। इससे जागरूक होकर लोग संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने के लिए अपना योगदान सकें। वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन के लिए वन विभाग चिंतित है और जनजागरूकता बढ़ाने अभियान भी चलाया जा रहा है।  

छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनर्भेसा की संख्या भी लगातार घटती जा रही है। वनभैंसा उदंती-सीतानदी व इंद्रावती टाइगर रिजर्व तथा बारनवापारा अभ्यारण्य तक सिमट कर रह गया है। वन विभाग का दावा है कि राज्य में वर्तमान में 20-26 वनभेंसे हैं। बन विभाग ने वनभेंसों की संख्या बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। राजकीय पशु वनभेंसे की संख्या बढ़ाने के लिए वन विभाग लाखों रुपए खर्च कर चुका है।  

छत्तीसगढ़ में राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना भी संकट ग्रस्त स्थिति में है। पहाड़ी मैना के आवास के क्षरण के कारण उसकी संख्या कम हो रही है। हालांकि बन विभाग द्वारा पहाड़ी मैना के संरक्षण व संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि लगातार मॉनिटरिंग व देखरेख की वजह से पहाड़ी मैना की संख्या अब बढ़ रही है। वहीं, राज्य में गिद्ध की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। गिद्ध के भी संरक्षण व संवर्धन के प्रयास किए जा रहे हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष भी छत्तीसगढ़ में मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष भी देखने को मिलता है। हाथियों का दल रहवासी इलाकों में पहुंच जाता और फसलों को काफी नुकसान पहुंचाता है। इन जंगली हाथियों को जंगलों की ओर खदेड़ना बन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण है।

विलुप्त प्रायः होने के कारण पर्यावरणविद्‌ व वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि बन्यजीवों के विलुप्त प्रायः या संकटग्रस्त होने के कई कारण हैं। मानव व औद्योगिक गतिविधियां व शहरीकरण के कारण बन्यजीवों के अस्तित्य के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। गिने-चुने बन्यजीवों को छोड़कर अन्य संकट ग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण व संवर्धन के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे इनकी संख्या कम हो रही है। कुछ बन्यजीवों का अवैध शिकार भी हो रहा है। हालांकि अवैध शिकार को रोकने वन विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई भी की जा रही है।

               
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