Mahila Evam Bal Vikas Vibhag Vacancy 2025 : जिला मोहला मानपुर अं. चौकी छ.ग. में महिला संरक्षण अधिकारी के पद पर भर्ती।
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घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 का क्रियान्वयन के लिए संचालित नवा बिहान योजना अंतर्गत जिला मोहला-मानपुर-अं.चौकी में रिक्त पदों पर पदपूर्ति की स्वीकृति प्रदान की गई हैं और इस हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया है ।
योजना के अधीन महिला संरक्षण अधिकारी का पद केवल महिलाओं हेतु निर्धारित है, अतः केवल महिला अभ्यर्थी ही आवेदन हेतु पात्र होंगे। उक्त पद हेतु आवेदन पंजीकृत डाक /स्पीड पोस्ट, कोरियर के माध्यम दिनांक 15.04.2025 तक कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग मोहला, जिला मोहला-मानपुर-अं.चौकी (कॉलेज रोड बीईओ ऑफिस के बाजू में) के पते पर आमंत्रित किये गए है।
इस लेख में हम आपको कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा Mahila Evam Bal Vikas Vibhag Vacancy 2025 में होने वाली भर्ती के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। दरअसल यह भर्ती अधिसूचना दिनांक 19/03/2025 को जारी हुयी हैं, अतः आप इन दिए हुए पदों के लिए अप्लाई भी कर पाएंगे। Mahila Evam Bal Vikas Vibhag Vacancy 2025 के अंतर्गत कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा विभिन्न घरेलु हिंसा से पीड़ित महिलाओ के संरक्षण एवं उनकी सहायता हेतु महिला संरक्षण अधिकारी के पद हेतु वैकेन्सी निकाली गयी हैं। जिसके अंतर्गत महिला संरक्षण अधिकारी के पदों पर भर्ती किया जायेगा। यह पद केवल महिलाओ के लिए हैं अतः इन पदों में केवल महिला उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं।
सभी पात्रता शर्तों को पूरा करने के उपरांत ही आप ही आप इन पदों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए आप अंतिम तिथि से पहले ही नोटिफिकेशन को अच्छे से पढ़ लें और अगर आप मांगी गयी सभी शैक्षणिक योग्यताओ और अन्य योग्यतााओ के अनुरूप पाते है तो आवेदन कर सकते हैं।
यहाँ हम आपको Mahila Evam Bal Vikas Vibhag Vacancy 2025 की सम्पूर्ण जानकारी देंगे जैसे :- पदों की संख्या कितनी हैं? पदों का विवरण क्या हैं? इन पदों हेतु कौन कौन अप्लाई कर सकते हैं? इन पदों की शैक्षणिक योग्यता क्या-क्या होगी? इन पदों के लिए अनुभव क्या होना चाहिए? आवेदन की प्रारम्भिक तिथि से लेकर अंतिम तिथि कब हैं? उम्मीदवारों की आयु सीमा क्या हैं ? चयन प्रक्रिया क्या होगी? शारीरिक मापदंड क्या होगी? इन सभी की जानकारी विस्तार से देंगे ताकि आप सटीक तरीके से भर्ती हेतु आवेदन कर पाएं।
Mahila Evam Bal Vikas Vibhag Vacancy 2025 के अंतर्गत महिला संरक्षण अधिकारी के पद हेतु आवेदन की प्रारंभिक तिथि 19/03/2025 हैं तथा अंतिम आवेदन तिथि दिनांक 15/04/2025 हैं। अतः आप अंतिम तिथि दिनांक 15/04/2025 से पहले ही आवेदन कर लें ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बच सके।
विभिन्न पदों से सम्बंधित जानकारियां निम्नलिखित है -
संस्था या विभाग का नाम :-
कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला-मोहला-मानपुर-अं.चौकी (छ.ग.)
पदों के नाम (Name Of Post):-
महिला संरक्षण अधिकारी
पदों का विवरण (Post Detail) :-
महिला संरक्षण अधिकारी - 01 पद
कुल पदों की संख्या(Total Post) :-
01
पदों से सम्बंधित आवश्यक शैक्षणिक योग्यता :-
महिला संरक्षण अधिकारी के पद हेतु आवश्यक शैक्षणिक योग्यता निम्न है -
- विधि स्नातक /एम् एस डब्ल्यू होना चाहिए।
- कंप्यूटर पर एम् एस ऑफिस / वेब आधारित अन्य सॉफ्टवेयर में कार्य करने में सक्षम होना चाहिए।
- विधि स्नातक को न्यूनतम 5 वर्ष तक बार में पंजीकृत होकर नियमित प्रैक्टिस का अनुभव होना चाहिए।
- अंग्रेजी के साथ साथ स्थानीय भाषा का भी ज्ञान होना आवश्यक हैं। भाषा के सम्बन्ध में कौसल परीक्षा भी ली जा सकती हैं।
वेतनमान ( Salary):-
पदों के प्रकार :-
यह भर्ती पूर्णतः संविदा आधार पर होगी।
आवेदन की प्रमुख तिथि :-
आवेदन प्रारम्भ तिथि :-
19/03/2025
आवेदन अंतिम तिथि :-
15/04/2025
आवेदन हेतु आवेदन मोड(apply mode):-
इन पदों हेतु आवेदन की प्रक्रिया ऑफलाइन (Offline) हैं। रजिस्टर्ड डाक/स्पीड पोस्ट आदि के माध्यम से दिए हुए पते पर भेजना हैं।
आवेदन करने का शुल्क :-
इन पदों में आवेदन करने हेतु कोई भी शुल्क नहीं है,आवेदन फ्री में कर सकते हैं।
पदों हेतु आयु सीमा :-
न्यूनतम आयु (Minimum Age):-
21 वर्ष
अधिकतम आयु(Maximum Age) :-
35 वर्ष
आयु सीमा में छूट:-
शासन के नियमानुसार आयु सीमा में छूट अलग से दिया जा सकता हैं। आयु की गणना 1 जनवरी 2025 की स्थिति में किया जायेगा। सभी छूट को मिलकर आयु सीमा 45 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। आवेदक अभ्यर्थी को छतीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक हैं , तभी वे इन पदों हेतु पात्र होंगे।
भर्ती हेतु सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ :-
- छत्तीशगढ़ राज्य का मूल निवास प्रमाण पत्र होना आवश्यक हैं।
- स्थायी प्रमाण पत्र अगर आवश्यक हो तो।
- Age certificate अगर आवश्यक हो तो।
- अभ्यर्थी की जन्म तिथि को प्रमाणित करने हेतु जन्म प्रमाण पत्र, हाई स्कूल/हायर सेकंडरी प्रमाण पत्र जिसमें आवेदक की जन्म तिथि का उल्लेख हो।
- मांगी गयी अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र होना आवश्य्क होगा।
- अनुभव से सम्बंधित प्रमाण पत्र जो मांगी गयी हो वह दस्तावेज़।
- जरुरी योग्यता से सम्बंधित दस्तावेज़ जो मांगी गयी हो।
- यदि उम्मीदवार केंद्र या राज्य सरकार के अधीन किसी भी पद पर कार्यरत हो तो उस सम्बंधित विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र होना आवश्यक हैं।
- सरक्षण अधिकारी के पद पर एल.एल.एम./ पी.एच.डी. आवेदक होने पर डिग्री प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
आवश्यक दस्तावेज़ों की विस्तृत रूप से जानकारी पाने के लिए विभागीय विज्ञापन को अच्छे से पढ़ें जिससे कोई भी गलती न हो।
विभिन्न पदों हेतु चयन प्रक्रिया।
- यह जिला स्तरीय संविदा पद हैं अतः आवेदन पत्र सम्बंधित जिले में ही प्रस्तुत करना आवश्यक हैं।
- इन पदों हेतु चयन जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा किया जायेगाऔर भर्ती सम्बन्धी सभी प्रक्रियां चयन समिति द्वारा ही पूरी की जाएगी।
- इन पदों पर भर्ती हेतु चयन सूचि द्वारा मेरिट तैयार की जाएगी। मेरिट सूचि में 100 प्रतिशत अंको का वेटेज देते हुए निर्धारित किये गए अंको के आधार पर मेरिट तैयार किया जायेगा।
- यह पद लेवल और केवल महिलाओ के लिए हैं अतः मेरिट केवल पात्र महिला आवेदकों की ही बनाई जाएगी।
- मेरिट सूचि में अगर किन्ही भी दो या अधिक अभयर्थियो के सामान अंक आने की इस्थिति में उनके जन्म तिथि के आधार पर प्राथमिकता दिया जायेगा। अर्थात अभयर्थियो में से जिनकी उम्र ज्यादा होगी उन्हें चयन प्रक्रिया में पहले प्राथमिकता दिया जायेगा।
- किसी भी उम्मीदवार या अभ्यर्थी की चयन के सम्बन्ध में विवाद की स्थिति में चयन समिति एवं सम्बंधित जिला कलेक्टर का निर्णय अंतिम एवं मान्य होगा।
- चयनित उम्मीदवारों को पुलिस वररिफिकेशन का प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक होगा
- चयनित उम्मीदवार को सम्बंधित जिला चिकित्सालय के मेडिकल बोर्ड से स्वस्थ्य परीक्षण फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा तभी इन पदों हेतु उपस्थिति को मान्य किया जायेगा।
पदों से सम्बंधित विस्तृत विवरण, विभागीय विज्ञापन और साथ ही आवेदन का प्रारूप आप निचे दिए हुए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।
आवेदन कैसे करें ?
आवेदन की प्रक्रिया ऑफलाइन है , अतः आप आवेदन का प्रारूप प्रिंट करके उसमे मांगी गयी सम्पूर्ण जानकारी को अच्छे से भरने के बाद मांगी गयी सभी शैक्षणिक दस्तावेजों, योग्यताओ और अन्य दस्तावेज़ों के साथ को एक लिफाफे में भरकर कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला-मोहला-मानपुर-अं.चौकी (छ.ग.) के पते पर भेज देना हैं। उक्त पद हेतु आवेदन केवल पंजीकृत डाक/स्पीड पोस्ट/कोरियर आदि के माध्यम से ही किया जा सकता हैं। अन्य किसी भी माध्यम से आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा।
नोट :- आवेदन की अंतिम तिथि दिनांक 15/04/2025 हैं, अतः इस निर्धारित तिथि से पहले ही आवेदन को पोस्ट कर देवे, ताकि अंतिम तिथि से पहले ही आवेदन पते पर पहुंच जाये।
पदों से सम्बंधित विस्तृत विवरण, विभागीय विज्ञापन और साथ ही आवेदन का प्रारूप आप निचे दिए हुए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा विभागीय वेबसाइट का लिंक भी निचे दिया गया हैं।
भर्ती से सम्बंधित नियम एवं शर्तें :-
- ये पद जिला स्तरीय पद हैं। अतः नियुक्तिकर्ता अधिकारी जिला कलेक्टर होंगे।
- योजना के अधीन महिला संरक्षण अधिकारी का पद केवल महिलाओं हेतु निर्धारित है,अत: केवल महिला अभ्यर्थी ही आवेदन हेतु पात्र होंगे।
- संविदा नियुक्ति प्रारंभिक रूप से 01 वर्ष के लिए होगी। तत्पश्चात् कार्य योग्यता, कार्य क्षमता एवं व्यवहार तथा विभाग की आवश्यकता के आधार पर एवं संविदा पर नियुक्त व्यक्ति की उपयुक्तता का आंकलन कर संविदा आगे बढ़ाने का निर्णय,जिला कार्यक्रम अधिकारी / जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लिया जावेगा,अन्यथा संविदा नियुक्ति की अवधि की समाप्ति पर संविदा नियुक्ति स्वयंमेव समाप्त मानी जायेगी ।
- संविदा नियुक्ति अवधि में राज्य के वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत एकमुश्त संविदा वेतन देय होगा। संविदा वेतन के अतिरिक्त कोई भी अन्य वेतन/भत्ते की पात्रता नहीं होगी। सेवा समाप्ति के बाद संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के पेंशन, उपादान, भत्ता, मृत्यु लाभ इत्यादि की भी पात्रता नहीं होगी।
- इन पदों पर वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर समान या विशेष आदेश द्वारा नियत किए गए एकमुश्त संविदा वेतन के अनुसार ही होंगे। संविदा पर की गई नियुक्ति पूर्णतः अस्थायी होगी एवं बिना कारण बताये भी समाप्त की जा सकती है
- संविदा अवधि के दौरान दोनों पक्षों में से किसी एक पक्ष द्वारा एक माह की पूर्व सूचना या उसके एवज में एक माह का वेतन देकर नियुक्ति समाप्त की जा सकती है।
- आवेदक की आयु दिनांक 01 जनवरी 2025 की स्थिति में न्यूनतम 21 वर्ष एयं अधिकतम 35 वर्ष से अधिक न हो। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी को आयु सीमा में छूट के संबंध में राज्य शासन द्वारा समय--समय पर जारी निर्देशों के अनुरूप छूट की पात्रता होगी किन्तु सभी छूटों को मिलाकर अधिकतम आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी।
- अभ्यर्थी को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना अनिवार्य है। अभ्यर्थी को सक्षम अधिकारी का प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा।
- कोई भी उम्मीदवार, जिसने विवाह के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु सीमा से पूर्व विवाह कर लिया हो, नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा, होगी।
- आवेदक अपनी अर्हता की जॉच स्वयं कर ले तथा विज्ञापित पद के लिये निर्धारित अर्हता एवं शर्तों को पूरा करने पर ही आवेदन पत्र भेजे।
- चयन के किसी भी स्तर पर आवेदक के अयोग्य पाये जाने पर उनका आवेदन पत्र निरस्त कर उनकी उम्मीदवारी समाप्त की जा सकेगी ।
विभिन्न पदों हेतु सभी महत्वपूर्ण लिंक :-
विभागीय विज्ञापन पीडीएफ डाउनलोड यहाँ क्लिक करें
विभागीय वेबसाइट का लिंक यहां क्लिक करेें
आवेदन का प्रारूप डाउनलोड क्लिक करें
वर्तमान की कुछ और भर्तियां,इन्हें भी देखें नीचे लिंक पर क्लिक करें-
जिला पंचायत बलरामपुर में भ्रीत्य, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लेखपाल सहित विभिन्न पदों पर भर्ती।
जिला मोहला मानपुर अं. चौकी छ.ग. में महिला संरक्षण अधिकारी के पद पर भर्ती।
सुकमा जिले में जेंडर विशेषज्ञ और समन्वय विशेषज्ञ के पदों पर निकली भर्ती।
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वर्तमान की कुछ अन्य महत्वपूर्ण खबरें..
टीईटीः पहली से पाचवीं में बीएड वालों को रोका तो पहली बार मिडिल के फार्म प्राइमरी से ज्यादा..
छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी में आयोजित की जाएगी। इस बार पहली से पांचवीं की टीईटी के आवेदन से बीएड वालों को रोका गया। इसका असर मिडिल के आवेदन पर पड़ा है। राज्य में अब तक सात बार टीईटी हुई है। आठवीं परीक्षा की तैयारी है। इसके लिए पिछले दिनों आवेदन मंगाए गए थे। इसके अनुसार क्लास 1 से 5 की पका के लिए 1.80 लाख और मिडिल के लिए 2.95 लाख आवेदन । यह पहली बार है जब प्राइमरी की तुलना में मिडिल के लिए ज्यादा आवेदन मिले हैं।
जानकारों का कहना है कि वर्ष 2011 से लेकर 2022 अब तक राज्य में सात बार टीईटी हुई है इन में पहली से पांचवीं और छठवीं के आठवीं दोनों की टीईटी के लिए डीएलएड के साथ बीएड वाले पात्र थे। तब प्राइमरी के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते थे। इस बार उक्त कक्षा की टीईटी में बीएड को अमान्य किया गया। इसलिए बीएड डिग्रीधारियों ने मिडिल के लिए आवेदन किया है। वहीं दूसरी ओर राज्य में डीएलएड की में बीएड अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है। इस वजह से मिडिल की टीईटी के लिए ज्यादा आवेदन मिले हैं। पिछले कुछ वर्षो के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में प्राइमरी की टीईटी के लिए करीब 5.52 लाख और मिडिल के लिए 2.16 लाख फार्म मिले थे। उक्त वर्ष टीईटी के लिए बीएड व डीएलएड की अनिवार्यता नहीं थी, इसलिए बड़ी संख्या में आवेदन आए थे।
रविवि में चार वर्षीय बीएससी बीए, बीकाम बीएड इसी सत्र से..
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से समेकित चारवर्षीय बीएड की पढ़ाई शुरू होने जा रही है। इसके तहत बीएससी बीएड, बीएबीएड और बीकामबीएड में 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति मिल गई है। रविवि के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल ने बताया कि तीनों कोर्स में 5050 सीटें होंगी।
इस संबंध में जानकारी के अनुसार चारवर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर एनसीटीई की प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश होगा। इस कोर्स का संचालन रविवि के वर्तमान इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन बिल्डिंग में ही होगा। फिलहाल रविवि में चार सेमेस्टर का दो वर्षीय बी.एड कोर्स संचालित है। इसमें सीजी व्यापमं द्वारा आयोजित प्री. बी.एड एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से प्रवेश होता है। इस सत्र से नए कोर्स के तहत विद्यार्थी 12वों के बाद शिक्षण क्षेत्र में कैरियर को चुन सकेंगे। बताया जा रहा है कि एनईपी लागू होने के बाद सभी संस्थानों में दोवर्षीय बीएड में प्रवेश बंद हो जाएगा। संभावना है कि 2025 में अंतिम बैच प्रवेश लेगा। कुछ कॉलेजों में चारवर्षीय बीएड संचालित है, लेकिन संभवतः रविवि पहला विश्वविद्यालय है जहां यह कई संकायों के साथ बीएड कोर्स शुरू होने जा रहा है। विद्यार्थियों का बचेगा एक साल - इस इंटीग्रेटेड कोर्स से विद्यार्थियों के एक वर्ष की बचत होगी, क्योंकि बे वर्तमान बी.एड. योजना के लिए आवश्यक 5 वर्षों के बजाय वे पाठ्यक्रम को 4 वर्षों में पूरा करेंगे। यह पद्धति आने वाले समय में एनईपी के तहत् सभी संस्थानों में लागू होने जा रही है।
होटल मेनेजमेंट पाठ्यक्रम भी इसी सत्र से..
रवि शंकर के प्रबंधन संस्थान में आगामी सत्र से रोजगार पूरक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम मॉस्टर ऑफ होटल मैनेजमेंट प्रारंभ किया जा रहा है। चार सेमेस्टर अर्थात दो वर्षों के इस पीजी कोर्स के लिए प्रारंभिक सत्र में तीस सीटें निर्धारित की गई है। कुलपति प्रो. शुक्ल ने बताया कि वर्तमान में होटल-प्रबंधन, पर्यटन एवं आतिथ्य में छात्रों के लिए कैरियर की जबरदस्त संभावनाएं है। इसके लिए विश्वविद्यालय राज्य के प्रसिद्ध एवं बड़े होटलों से टाई-अप करेगा तथा व्यवहारिक अनुभव के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करेगा। इस पाठ्यक्रम से विद्यार्थी टीमवर्क, समय-प्रबंधन, संचार, मल्टी टॉस्किंग, समस्या-समाधान तथा ग्राहक-सेवा में महारत हासिल कर प्रतिष्ठापूर्ण रोजगार पा सकते हैं। इस कोर्स से रायपुर अंचल में पर्यटक एवं होटलो की मांग को देखते हुए कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे।
वाणिज्य व फोरेंसिक साइंस अध्ययनशाला की तेयारी तेज..
रविवि में इस सत्र से व्यवसाय मूलक पाठ्यक्रम के रूप में वाणिज्य अध्ययन शाला प्रारंभ की जाएगी। साथ ही फोरेंसिक साइंस विषय की पढ़ाई भी होगी। यह अध्ययनशाला फिलहाल मानव विज्ञान विभाग में संचालित होगी। दोनों अध्ययन शालाओं को लेकर तैयारी तेजी से चल रही है। इनके लिए बजट में 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं रविवि एक नई पहल करते हुए मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र खोलने जा रहा है। यह केंद्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान अध्ययनशाला में खुलेगा। इसकी भी प्रारंभिक तैयारी शुरू हो गई है। खास बात यह है कि पिछली बार विश्वविद्यालय पहुंचे उच्च शिक्षा सचिव ने मनोविज्ञान अध्ययनशाला पहुंचकर तैयारियों के संबंध में जानकारी ली थी।
बेंगलुरु के बाद अब चेन्नई भी सूख रहा, सबसे बड़ी झील में जीरो वाटर..
चेन्नई में कुछ इलाकों में पानी सूखने लगा है। यहां की सबसे बड़ी और 43% आबादी की प्यास बुझाने वाली वीरानम लेक सूख चुकी है। कुछ पोखरों में ही पानी बचा । बीते साल जुलाई में ऐसे हालात बने थे। इस बार तीन महीने पहले ही स्थिति बिगड़ गईं है। 28 फरवरी से वीरानम लेक से सप्लाई बंद है। चेन्नई मेट्रोपोलिटन वाटर सप्लाई एंड बई के पाक पिछले साल चुका है। साल इसी समय लेक 95 मिलियन क्यूबिक फीट था। इसकी क्षमता 1465 एमसीएफ्टी की है। दूसरे जल भंडारण स्रोतों की हालत भी दयनीय है। इसलिए सप्लाई आधी कर दी है। प्रनी एक दिन छोड़कर मिल रहा है। बी ई ई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक चेन्नई में अक्टूबर के आखिर में मानसून की बारिश होती है, तब तक हमें भूजल से काम चलाना होगा। लेकिन, वो भी तेजी से घट रहा है।
अंतरिक्ष की सैर करने वाले पहले भारतवंशी पर्यटक बनेंगे थोटाकुरा..
पायलट गोपी थोटाकुरा पहले ऐसे भारतबंशी पर्यटक होंगे जो अंतरिक्ष में सैर करने जाएंगे। बह ब्लू ओरिजिन के एनएस 25 मिशन के छह करू सदस्य में शामिल हैं। इसे लेकर जेफ के अंतरिक्ष उद्यम की ओर से तारीखों की घोषणा होना बाकी है। ब्लू ओरिजिन कसा, गोपी एक ऐसे पायलट हैं, जिन्होंने गाड़ी चलाने से पहले उड़ना सीख लिया।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में जन्मे गोपी ने बेंगलुरु के निजी स्कूल में अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी को। कमर्शियल पायलट होने के अलाबा वह मेडिकल जेट पायलट भी हैं। वह रोमांचक यात्राओं के भी शौकीन हैं। हाल हा में उन्होंने तंजानिया के ज्वालामुखी माउंट किलिमंजारों के शिखर पर चढ़ाई को। ब्लू ओरिजिन ने कहा कि एम्ब्नी-रिडल एरोनाटिकल यूनिवर्सिटी से स्नातक गोपी प्रिजर्ब लाइफ के सह-संस्थापक भी हैं। ब्लू ओरिजिन ने जुलाई 202 से चालक दलों को लेकर छह उड़ानें भरी हैं, और पहली उड़ान में सीईओ जेफ बेजोस ने खुद भाग लिया था। कंपनी का पुनः प्रयोग में आने वाला न्यू शेपर्ट राकेट छह सदस्यीय दल को कर्मन लाइन के ऊपर ले जाएगा। यह अंतरिक्ष की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सैमा जो पृथ्वी को सतह से 100 किमी ऊपर है।
जेएनयू देश का शीर्ष यूनिवर्सिटी चुना गया..
वैश्विक क्यूएस विश्वविद्यालय रैंकिंग के अनुसार भारतीय प्रबंधन संस्थान (अहमदाबाद) व्यवसाय एवं प्रबंधन अध्ययन श्रेणी में विश्व के शीर्ष 25 संस्थानों में से एक है जबकि आईआईएम बेंगलुरु और आईआईएम-कलकत्ता शीर्ष 50 संस्थानों में शामिल हैं। क्यूएस रैंकिंग बुधवार को जारी की गई। उच्च शिक्षा विश्लेषण संबंधी कंपनी क्वाक्वेरेली साइमंड्स (यूएस ),l लंदन द्वारा घोषित प्रतिष्ठित रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) भारत में सर्वोच्च रैंक वाला विश्वविद्यालय है। विकास अध्ययन श्रेणी में यह विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर 20वें स्थान है। चेन्नई स्थित सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज दंत चिकित्सा अध्ययन श्रेणी में विश्व स्तर पर 24वें स्थान पर है। क्यूएस की मुख्य कार्यकारी (सीईओ) जेसिका टर्नर ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है। उन्होंने कहा कि क्यूएस ने यह गौर किया है कि भारत के निजी तौर पर संचालित तीन उत्कृष्ठ संस्थानों के कई कार्यक्रमों ने इस साल प्रगति की है जो भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र को आगे बढ़ाने में अच्छी तरह से विनियमित निजी प्रावधान की सकारात्मक भूमिका को प्रदर्शित करता है। हालांकि अब भी बहुत काम किया जाना बाकी है।
रायपुर, बेमेतरा ओर बालोद के 5 ब्लॉकों में भूजल निकासी की स्थिति गंभीर..
प्रदेश में सिंचाई, औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए भूजल का दोहन तेजी से बढ़ रहा है। केन्द्रीय भूजल बोर्ड ने माना है कि 3 जिलों रायपुर, बेमेतरा और बालोद के 5 ब्लॉकों में स्थिति काफी गंभीर है। इन ब्लॉकों में भूजल की निकासी ज्यादा हो रही है। 15 जिलों के 22 अन्य ब्लॉकों में भी स्थिति काफी चिंतनीय है । इनमें से ज्यादातर में सिंचाई और औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूजल का काफी ज्यादा दोहन किया जा रहा है । केन्द्रीय भूजल बोर्ड ने 2023 की जो रिपोर्ट जारी की है उसमें इन ' बातों का खुलासा हुआ है । रिपोर्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 1 लाख 6 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा रिचार्ज वर्दी एरिया (पुनर्भरण योग्य क्षेत्र ) है। इसमें से 3119 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जो कि कुल क्षेत्र का 2.94 फीसदी है, उसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है। जबकि 13987 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र यानी 13.19 फीसदी क्षेत्र अर्ध गंभीर ( सेमी क्रिटिकल) है। हालांकि राहत की बात यह है कि राज्य का बड़ा क्षेत्र 88972 वर्ग किलोमीटर अभी सुरक्षित है। यानी यहां भूजल की निकासी कुल रीचार्ज से कम हो रही है ।
भारत ने बांग्लादेश को सौंपी 56 एकड़ जमीन, बदले में मिली 14 एकड़..
भारत और बांग्लादेश के बीच 50 साल बाद जमीन की अदला-बदली हुई है। बांग्लादेश के लोगों ने इसे का तेहफा बताया है। भारत ने बांग्लादेश को सीमावर्ती ठाकुरगांव के रानीशंकोई उपजिला की 56.86 एकड़ जमीन सौंपी है। इसके जवाब में भारत को भी बांग्लादेश से 14.68 एकड़ जमीन हासिल हुई है। भारत की ओर से बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और बांग्लादेश की ओर से बीजीबी (बॉर्डर गाईं बांग्लादेश) के बीच फ्लैग मीटिंग में जमीनों की अदला बदली हुई। भारत और बांग्लादेश के बीच 1974 में जमीनों की अदला-बदली का समझौता हुआ था लेकिन रानीशंकोई को लेकर कोई कार॑वाई नहीं हो पाई थी। 2015 में नए समझौते के बाद नए जानकारों के अनुसार सीएए लागू होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा एन्क्लेव निवासियों को मिलेगा।
आईआईटी व एनआईटी से पढने वाले 25% को कैंपस प्लेसमेंट से नहीं मिल रही जॉब..
बारहवीं के बाद इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी पढ़ाई के लिए हर छात्र का सपना इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी ), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी ) जैसे संस्थानों में प्रवेश पाना का होता है। जिसकी वजह है, यहां से अच्छा प्लेसमेंट मिलना। लेकिन पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े इस धारणा को तोड़ रहे हैं। भास्कर की पड़ताल में पता चला कि छत्तीसगढ़ के आईआईटी भिलाई, एनआइईंटी रायपुर, ट्रिपल आईटी, / गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज यानी जीइंसी से कैंपस प्लेसमेंट के दौरान 25 फीसदी छात्रों के हाथ खाली रहे यानी उन्हें जॉब का ऑफर नहीं मिला। प्रदेश के बड़े तकनीकी संस्थानों के वर्ष 2019-20 से 2022-23 की प्लेममेंट रिपोर्ट का एनालिसिस किया गया। इसमें पता चला कि इन वर्षों में आईआईटी भिलाई के औसतन 26 फीमदी छात्रों को कैंपस से प्लेसमेंट नहीं मिला। एनआईटी के औसतन 25 फीसदी स्टूडेंट्स को कॉलेज प्लेममेंट प्रोग्राम से जॉब नहीं मिली। इतना ही नहीं इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी यानी ट्रिप्लआईटी नया रायपुर के पचास प्रतिशत छात्र ही कैंपस प्लेसमेंट के लिए एलिजित्रल हो रहे हैं। 2017 से 2021 तक में 58 स्ट्डेंट्स को कैंफ्स से प्लेममेंट मिला है। वहीं गवर्नमेंट ईजीनियरिंग कॉलेज यानी जीईसी रायपुर में भी हर साल औसतन 70 छात्रों को ही कैंपस से जॉब मिल रह्। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि कई स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई करने, स्टार्ट अप समेत अन्य यजहों से कैंपस इंटरव्यू में शामिल नहीं होते। इन वर्षों की रिपोर्ट को आधार बनाया जाए आईआईटी भिलाई में 57 लाख का सबसे ज्यादा पैकेज मिला है। एनआइंटी में पिछले साल कुछ छात्रों को 55 लाख तक का जॉब मिला।
ग्लोबल वार्मिंग से प्रॉपर्टी इंडस्ट्री पर भी संकट अब विश्व भर में घरों की नई डिजाइन पर जोर..
उ्लोबल एनर्जी उत्सर्जन में घरों की हिस्सेदारी 18 फीसदी है अब पर्यावरण चुनौती की चपेट में लोगों का निजी घर भी आ गया है। फिलहाल विश्व भर की रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी का लगभग 10 फीसदी हिस्सा ग्लोबल वार्मिंग के कारण खतेरे में है। दरअसल प्राकृतिक आपदाओं के चलते होम इंश्योरेंस के दाम बढ़ रहे हैं। साथ ही वैशिवक ऊर्जा संबंधित प्रदूषण में घरों की हिस्सेदारी 18% तक पहुंच गई है। एक पिया सह 205 का पक 2050 तक मूल्य का 9% हिस्सा कट कर सकती है, जो कि 25 ट्रिलियन डॉलर की राशि है। यह अमेरिका की यार्षिक जीडीपी से महुत कम नहीं है। जैसे-जैसे जलवायू बिगड़ती जा रही है और प्राकृतिक आपदाएं अधिक होती जा रही हैं, गृह बीमा अधिक महंगा होता जा रही है। कुछ विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इससे एक तिहाई अमेरिकी घर प्रभावित होंगे। बीमा सूचना संस्थान के अनुसार फ्लोरिडा में औसत गृह बोमा प्रीमियम 6000 डॉलर है, जो 2019 से 200% अधिक है। सरकारों को या तो घर के मालिकों को होने वाले नुकसान की भरपाई करनी चाहिए या जोखिमों को कम करना चाहिए। जैसा कि कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा के कुछ हिस्सों में किया जाता है।
12 देशों से निकलता है,60% प्लास्टिक कचरा..
दुनिया के 60% प्लास्टिक कचरे के सिर्फ 12 देश जिम्मेदार हैं। इनमें भारत भी शामिल है। हालांकि प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरे के उत्पादन में हम दुनिया में सबसे कम हैं। भारत में हर साल प्रति व्यक्ति 8 किलो प्लास्टिक का उत्पादन होता है। स्विट्जरलैंड की इस संस्था ईए अर्थ एक्शन की प्लास्टिक ओवरशूट डे रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 से वैश्क्कि प्लास्टिक कचरा उत्पादन में 7.11% की बढ़ोतरी हुई है। अनुमान है कि 2021 में दुनिया में 22 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ है। इसमें से 7 करोड़ टन पर्यावरण को प्रदूषित करेगा। दुनिया के 60% कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के लिए सबसे ज्यादा चीन जिम्मेदार है। उसके बाद भारत, रूस, ब्राजील, मैक्सिको, वियतनाम, ईरान, इंडोनेशिया, मिस्र, पाकिस्तान, अमेरिका और तुर्की का नंबर आता है।
अस्पतालों में नहीं कटेगी बत्ती, ठप नहीं होगा इलाज..
बिजली कटौती की वजह से सरकारी कामकाज या फिर अस्पतालों में भर्ती मरीजों के इलाज में आने वाली बाधा जल्द दूर होगी। सरकार ने इन सभी इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का फैसला किया है, जिसकी शुरुआत सबसे पहले केंद्र सरकार ने अपने मंत्रालय और उनके अधीन सरकारी इमारतों से की है। इसमें दिल्ली एम्स, सफदरजंग अस्पताल, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल भी शामिल हैं। सभी मंत्रालय के लिए सरकार ने पांच अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है जो इस साल के आखिर तक काम पूरा करेगीं। वहीं दूसरी ओर राज्यों ने भी इस पर संज्ञान लिया है। हालांकि इस काम के लिए राज्यों ने डेडलाइन तय नहीं की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के एम्स और दिल्ली के 5 अस्पतालों को सौर ऊर्जा संयंत्र उसी तरह सौर ऊर्जा संयंत्र को लेकर भी काम हो रहा है। प्रधानमंत्री ने दिसंबर 2024 तक डेडलाइन सभी मंत्रालय को दी है।
जलियांवाला बाग की दुखद घटना का साक्षी..
देश की आजादी के इतिहास में 13 अप्रैल का दिन एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। वह वर्ष 1919 का 13 अप्रैल का दिन था, जब जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा के लिए जमा हुए हजारों भारतीयों पर अंग्रेज हुक्मरान ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। पंजाब के अमृतसर जिले में ऐतिहासिक स्वर्ण मंदिर के नजदीक जलियांवाला बाग नाम के इस बगीचे में अंग्रेजों की गोलीबारी से घबराई बहुत सी औरतें अपने बच्चों को लेकर जान बचाने के लिए कुएं में कूद गईं। निकास का रास्ता संकरा होने के कारण बहुत से लोग भगदड़ में कुचले गए और हजारों लोग गोलियों की चपेट में आए ।एक अन्य घटना की बात करें तो खालसा पंथ की नींव भी 13 अप्रैल के दिन ही रखी गई थी। 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
सागोन के 24 स्तंभों पर खड़ा है माँ दंतेश्वरी मंदिर..
बस्तर के आस्था का प्रमुख केन्द्र मांई दंतेश्वरी मंदिर सागौन के 24 स्तंभों पर खड़ा है। मंदिर में सीमेंट या चूना पत्थर की तरह दिखने वाले स्तंभ लकड़ी के हैं, जिस पर ओडिशा के कलाकारों ने आकर्षक नक्काशी की है। मंदिर में दंतेश्वरी माता की मूर्ति के साथ संगमरमर से निर्मित सिंहवाहिनी है, यहां लकड़ी से निर्मित भगवान विष्णु की प्रतिभा भी विराजमान है।
नगर के ऐतिहासिक दंतेश्वरी मंदिर को वारंगल के राजा हीराला चितेर ने 1880 में बनवाया था। उस समय इस इलाके में उनका राजपाठ था। बारंगल के राजाओं की कुलदेवी मां दंतेश्वरी थी, और वे भगवान श्रीविष्णु के अनन्य भक्त भी थे।
हाइकोर्ट में डेटा एंट्री ऑपरेटर के लिए परीक्षा 28 को..
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में डाटा एंट्री ऑफेटर के फ्द की भर्ती के लिए पात्र अपात्र सूची जारी कर दी गई है। इन पात्र अभ्यर्थियों के प्रथम चरण की लिखित परीक्षा 28 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। सुबह 10 बजे से 11 बजे तक चार परीक्षा केन्द्रों में फीक्षा होगी। पात्र-अपात्र की सूची छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की वेबसाइट highcourt.cg.gov.in पर उपलब्ध है।
पिछले साल डाटा एंट्री ऑपरेटर के करीब 8 पदों पर भर्तों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इस पद के लिए 30 अक्टूबर तक आवेदन मंगाए गए थे। इन पदों के लिए ढाई हजार से ज्यादा आवेदन आए थे। इनमें से 1645 को पात्र किया गया है। साथ ही 932 को अपात्र घोषित किया गया है। इसके अलावा 115 ऐसे हैं, जिन्होंने अंतिम तिथि के बाद आवेदन किया, इसलिए उनके आवेदन को निरस्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि जिला एवं सत्र न्यायालय, ९ में विभिन्न पदों पर वैकेंसी निकली है। इन पदों के लिए आवेदन मंगाए जा चुके हैं। कुल 24 पदों पर भर्ती होगी। इनमें स्टेनाग्राफर हिंदी (नियमित) के 1, स्टेनो टाइपिस्ट के 1, स्टेनोग्राफर हिंदी (संविदा कोर्ट मैनेजर स्टाफ) के 1, क्लर्क (संविदा कोर्ट मैनेजर स्टाफ ) के 1, सहायक ग्रेड तीन पद हैं।
सेट के लिए आवेदन अगले महीने से 19 विषयों के लिए जुलाई में परीक्षा..
छत्तीसगढ़ राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन अगले महीने 13 मई से भरे जाएंगे। इसे लेकर तैयारी की जा रही है। यह परीक्षा 7 जुलाई को होगी। अलग-अलग 19 विषयों में अध्यापन की पात्रता के लिए यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। पिछली बार 2019 में सेट हुआ था। तब व्यापम॑ को 56712 फार्म मिले थे। 4325 परीक्षा में शामिल हुए थे। जबकि करीब दो हजार अभ्यर्थो सेट क्वालिफाई हुए थे।
प्रवेश से पहले ही भर गईं सीटें, पहली को छोड़ अन्य कक्षाओं के लिए आवेदन नहीं..
राजधानी में चल रहे आत्मानंद में आवेदन प्रक्रिया 10 से शुरू हुई है। प्रक्रिया शुरू हुए 5 दिन भी नहीं हुए हैं, स्कूलों में कक्षा 2 से 12वीं तक के लिए आवेदन ही नहीं भरा रहा है।दरअसल, भास्कर को शिकायत मिली थी कि अभी प्रवेश हुए ही नहीं है, और प्रवेश पोर्टल पर आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। जिसको लेकर पड़ताल की गई। पता चला कि पोर्टल में जब कई स्कूलों में आवेदन भरने की कोशिश की गई को अधिकतर स्कूलों में कक्षा पहली के अलावा किसी भी कक्षा के लिए आवेदन नहीं लिया जा रहा था। वहीं पोर्टल में इसका कारण सीट न होना बताया जा रहा है। ऐसे में परिजनों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर प्रवेश के पहले ही यह सीटें कैसे भर गईं। वहीं इस मामले में जानकारों का कहना है कि कक्षा फ्ली के लिए नए बच्चे प्रवेश होते हैं। इसलिए केवल इस कक्षा के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। वहीं बाकी कक्षा में एक साल पहले के छात्र पास होकर आते हैं।
सीजीपीएससी : टॉपर्स ने मेंस में हासिल किए 63 फीसदी से ज्यादा नंबर, 5 साल से यही ट्रेंड..
सीजीपीएससी-2023 के तहत मुख्य परीक्षा (मेंस) जून में होगी। इसका शिड्यूल जारी किया जा चुका है। इस बार 3597 अभ्यर्थियों का चयन मेंस के लिए हुआ है। पिछली परीक्षाओं के आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलत है कि, इन वर्षों में राज्य सेवा के जितने भी टॉपर हुए हैं उन्होंने मेंस में 53 प्रतिशत से अधिक नंबर हासिल किए। पिछली बार के टॉपर को 65 प्रतिशत नंबर मिले थे। पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि 2018 से लेकर 2022 के सीजी स्टेट सिविल सर्विस एग्जाम में मेंस व इंटरव्यू को मिलाकर दो बार हजार से अधिक स्कोर गया। तब साक्षात्कार के लिए 150 निर्धारित थे। इस बार 100 नंबर का होगा, इसलिए हजार से अधिक स्कोर मुश्किल है।
मुख्य परीक्षा 1400 नंबर के लिए होगी। इसमें कुल 7 पेपर हैं, सभी के लिए 200 अंक हैं। वर्ष 2018 में टॉपर को मुख्य परीक्षा में 885 नंबर मिले थे, जो कुल अंकों का करीब 63 प्रतिशत है। इसी तरह वर्ष 2019 के मेंस में 898, वर्ष 2020 में 887, 2021 में टॉपर को 882 नंबर मिले। पिछली बार यानी वर्ष 2022 की मुख्य परीक्षा में टॉपर ने 1400 में 908 करीब 65 फीसदी अंक हासिल किए। पिछले वर्षों में यह देखा गया है कि जिन्होंने मेंस में सबसे अच्छा स्कोर किया, वहीं टॉपर बने। भले ही इंटरव्यू में उनके नंबर कुछ अभ्यर्थियों से कम रहे हो। इसी तरह मेंस के आधार पर तीन गुना अभ्यर्थियों का चयन साक्षात्कार के लिए होगा। मेंस को लेकर जानकारों का कहना है कि पेपर-1, लैंग्वेज, पेपर-2 और पेपर-7 स्कोर के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इस पर अभ्यर्थियों को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इसी तरह पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि इतिह्यस, संविधान और लोक प्रशासन का पेपर थोड़ा कठिन रहा है।
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