कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बीजापुर में फार्मासिस्ट सहित विभिन्न पदों पर भर्ती | Jila Bijapur Pharmacist Vacancy 2025

 कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बीजापुर में फार्मासिस्ट सहित विभिन्न पदों पर भर्ती | Jila Bijapur Pharmacist Vacancy 2025

जिले के अधीन संचालित विभिन्‍न स्वास्थ्य केंद्रों हेतु जिला स्वास्थ्य समिति बीजापुर द्वारा जिला खनिज न्यास निधि से माईक्रोबायोलॉजिस्ट / फार्मासिस्ट एवं फिडिंग डेमोंस्ट्रेटर के पदों पर नियुक्ति की स्वीकृति उपरांत रिक्त पदों पर भर्ती हेतु आवश्यक अर्हता रखने वाले इच्छुक अर्हताधारी अभ्यर्थीयों के लिए walk in interview का आयोजन निर्धारित तिथि को  वांछित समस्त दस्तावेजों के साथ अधोलिखित समय पर उपस्थित होकर आवेदन कर सकते है। 

कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बीजापुर में फार्मासिस्ट सहित विभिन्न पदों पर भर्ती | Jila Bijapur Pharmacist Vacancy 2025

भर्ती से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां कुछ इस प्रकार है :–

पदों के नाम 

माइक्रोबायोलॉजिस्ट

फार्मासिस्ट 

फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर 


कुल पदों की संख्या 

07


विभिन्न पदों हेतु मासिक वेतन 

माइक्रोबायोलॉजिस्ट

35000/–Rs.

फार्मासिस्ट 

16500/–Rs.

फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर

12000/– Rs.


विभिन्न पदों हेतु शैक्षणिक योग्यताएं 

माइक्रोबायोलॉजिस्ट

एम.एससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी (रेगुलर)/एम.एससी माइक्रोबायोलॉजी (रेगुलर) के साथ मेडिकल डायग्नोस्टिक में 02 वर्ष का अनुभव। (पीसीआर परीक्षण में अनुभव वाले व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी।

फार्मासिस्ट 

1. जीव विज्ञान, रसायन, भौतिक विषय में 12 वीं उत्तीर्ण।

2. डिग्री /डिप्लोमा इन फार्मेसी (50%) उत्तीर्ण अनिवार्य है।

 3. छ.ग. पैरामेडिकल में जीवित पंजीयन होना अनिवार्य है। 

फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर

बी.एस.सी. होमसांईस (50%) उत्तीर्ण।


 साक्षात्कार (Walk in interview) की तिथि 

9 जुलाई 2025


चयन हेतु प्रमुख नियम एवं शर्तें

  • यह पद पूर्णतः अस्थायी होगा, जो कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत डी.एम.एफ. मद अंतर्गत्‌ की जा रही है। 
  • उक्त पद हेतु मानदेय जिला खनिज न्यास निधि मद अन्तर्गत प्रावधानित वेतन एकमुश्त देय होगा। इसके अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार का भत्ता देय नहीं होगा। 
  • पदस्थापना नियुक्ति तिथि से आगामी 31 मार्च 2026 तक के लिए किया जावेगा स्थिति को देखते हुए आवश्यकतानुसार सेवा अवधि में वृद्धि की जा सकती है। 
  • भर्ती की समस्त जानकारी जिला बीजापुर के वेबसाइड तथा कार्यालय के सूचना पटल से जानकारी प्राप्त कर सकते है। 
  • आवेदन पत्र के साथ संलग्न किये जाने वाले समस्त अंक सूची एवं अन्य दस्तावेज स्वयं के द्वारा स्वप्रमाणित कर संलग्न करना अनिवार्य है। 
  • अपूर्ण व त्रुटिपू्ण आवेदन अमान्य कर निरस्त कर दिया जावेगा, जिसकी जानकारी संबधितों को पृथक से नहीं दी जावेगी।  
  • उम्मीदवार की आयु 01.01.2025 की स्थिति में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग हेतु न्यूनतम वर्ष 18 वर्ष एवं अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिये। 
  • चयन प्रक्रिया के किसी भी चरण में यह पाया जाता है कि किसी उम्मीदवार द्वारा किसी भी प्रकार से किसी प्रकार का दबाव डलवाया जा रहा है या निष्पक्ष चयन प्रकिया को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है तो उनका आवेदन पत्र अमान्य कर दिया जावेगा तथा इस सबंध में कोई भी दावा मान्य नहीं किया जावेगा।
  • अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति,/अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के अभ्यार्थियों को सक्षम प्राधिकारी से जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
  • भर्ती की प्रकिया के दौरान होने वाले किसी भी विवाद एवं समस्या पर अंतिम निर्णय लेने का सर्वाधिकारी चयन समिति को होगा जो सभी आवेदकों को मान्य होगा।
  • निर्धारित सीमा पर प्राप्त आवेदनों का उसी दिवस को सूची तैयार कर दावा आपत्ति हेतु सूचना पटल पर चस्पा की जावेगी प्राप्त दावा आपत्ति के निराकरण कर वरीयता सूची जारी की जायेगी। उक्त वरीयता सूची से पात्र कुल विज्ञापित रिक्त पदों का 10 गुणा का ही कौशल परीक्षा लिया जावेगा। 
  • उक्त पदों पर छत्तीसगढ़ के निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। इस हेतु समक्ष प्राधिकारी से निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
  • अनुभव प्रमाण पत्र में अनुभव की अवधि का स्पष्ट उल्लेख नहीं होने पर तथा कार्यालयीन जावक क्रमांक नही होने पर अनुभव प्रमाण पत्र अमान्य किया जावेगा तथा शैक्षणिक योग्यता पूर्ण करने के उपरान्त प्राप्त अनुभव के आधार पर अनुभव के अंक मान्य किये जायेगे।
  • 12 माह से कम अनुभव होने पर अंकों की गणना की जावेगी।
  • चयन उपरान्त कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व समस्त मूल दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर संबधित अभ्यर्थी की नियुक्ति स्वमेव निरस्त मानी जावेगी।
  • उक्त पद के लिए प्रतीक्षा सूची भी जारी की जावेगी जिसकी वैधता जारी दिनांक से 01 वर्ष तक होगी। इस समयावधि में त्यागपत्र अथवा किसी भी कारण से रिक्त होने वाले पदों की पूर्ति भी इसी प्रतीक्षा सूची से की जा सकेगी। उक्त वैधता सूची की विधि में आवश्यकतानुसार वृद्धि की जा सकती है।
  • चयनित अभ्यर्थी की कार्य में उपस्थिति होने के पश्चात्‌ किसी भी समय एक माह का नोटिस देकर संविदा नियुक्ति समाप्त की जा सकती है।

भर्ती सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण लिंक :-

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छत्तीसगढ़ की कुछ अन्य महत्वपुर्ण खबरें।

जिला रोजगार कार्यालय में प्लेसमेंट केंप 6 को..

जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र द्वारा युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुक्रवार 6 जून को प्रातः 11 बजे दोपहर 3 बजे तक जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र लाइंबलीहुड कॉलेज परिसर जॉजगीर में कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जिला  रोजगार अधिकारी ने बताया कि शिविर. में निजी क्षेत्र के नियोजक नायक मेटरनिटी एवं सर्जिकल सेंटर चांपा जांजगीर द्वारा स्टॉफ नर्स के 12 पद, वार्ड अटेण्डेन्ट के 10 पद, एक्स रे टेक्नीशियन के 3 पद व लेब टेक्नीशियन के पद पर भर्ती की कार्यवाही की जाएगी। उक्त पद हेतु शैक्षणिक योग्यता निर्धारित किया गया है। स्टॉफ नर्स के लिए बीएससी नर्सिंग एवं जीएनएम, वार्ड अटेण्डेन्ट के लिए 10 वी, एक्स-रे टेक्नीशियन के लिए एक्स-रे, सीटी टेक्नीशियन, रेडियोग्राफी में डिप्लोमा, लैब टेक्नीशियन हेतु डीएमएलटी एवं वेतनमान स्टॉफ नर्स के  लिये वेतनमान 10 हजार रुपए से 12 हजार रुपए, एक़्स-रे टेक्नीशियन एवं लेब टेक्नीशियन के लिये 10 हजार रुपए से 11 हजार रुपए, वार्ड अटेण्डेन्ट के लिए 8 हजार रुपए निर्धारित की गई है। लेब टेक्नीशियन एवं वार्ड अटेण्डेन्ट के लिए 1-1 वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है। प्लेसमेंट कैंप में भाग लेने वाले इच्छुक आवेदक अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ स्वयं उपस्थित होकर कैंप में भाग ले सकते है।


पहली बार एआई कैमरे से रखेंगे बाघ-हाथी जैसे जानवरों पर नजर..

सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व के अंदर हाल ही में ढाई साल बाद माघित नजर आई है। इसकी उप्र ढाई से तीन साल बताई गईं है। इसकी तस्वीर वाइल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून भेजी गई थी। पता चला कि यह मादा बाघ नेशनल डेटाबेस में दर्ज नहीं है। अब बाघ, हाथी और अन्य बन्य प्राणियों की सटीक निगरानी के लिए एआई कैमरे लगाए जाएंगे। पहले एक कैमरे की टेस्टिंग की जाएगी। यह पायलट प्रोजेक्ट होगा। कैमरे नोएडा के इंजीनियरिंग छात्र अक्षय सिंह और शाश्वव सिंह तैयार कर रहे हैं। इन कैमरों से जंगल से बाहर निकलने वाले खूंखार जानवरों पर नजर रखी जा सकेगी।एआई कैमरे का रिजल्ट अच्छा रहा, तो ऐसे कैमरे प्रदेशभर के टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में लगाए जाएंगे। खास बात यह कि शिकारी भी केद होंगे, जिसकी भी तस्वीर तुरंत उच्चाधिकारियों तक पहुंचेगी। सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की आवाजाही हो रही है। इससे मानव और वन्यजीव संघर्ष भी घटेगा।
डीएफओ वरुण जैन ने बताया कि ये कैमरे सोलर पैनल से चलेंगे इन्हें चार्ज करने की जरूरत नहीं होगी। कैमरे को पूरी तरह अपडेट होने में अभी पखवाड़ेभर का समय लगेगा। एक कैमरे की कीमत 80 से 90 हजार रुपए है। पायलट प्रोजेक्ट में सफलता मिलने पर पूरे राज्य में बाकी जगहों के लिए डेढ़ से 2 सौ कैमरे खरीदे जाएंगे। सामान्य कैमरा जंगल में लगाए गए वर्तमान ट्रैप कैमरे मोशन सेंसर से चलते हैं। कैमरे के सामने जानवर आते ही फोटो खींच जाती है। रात में इनकी रेंज सिर्फ 4 से 5 मीटर तक रहती है। अगले दिन मैदानी टीम कैमरे में केबल लगाकर मोबाइल में फोटो अपलोड करती है। कई बार टीम मेमोरी कार्ड निकालकर मुख्यालय लाती है। इस प्रक्रिया में काफ़ी समय लगता । कैमरों को समय-समय पर चार्ज भी करना पड़त है। इससे निगरानी की रफ्तार धीमी हो जाती है।
एआई कैमरा-इन कैमरों में प्रोसेसर  होगा यह बाघ, हाथी, , भालू समेत अन्य जानवरों की 2-2 हजार तस्वीरों से मशीन लर्निंग के जरिए ट्रेन किए जाएंगे। कैमरे के सामने इनसे मिलते-जुलते जानवर आते ही यह ऐक्टिव हो जाएगा। कैमरे में इन्फ्रारेड टॉर्च लाइट होगी। रात में रेंज 50 से 100 मीटर तक बढ़ेगी। आधी रात को भी पता चल जाएगा कि कौन सा जानवर कहां घूम रहा है। इन कैमरों को वन्यप्राणी प्रभावित गांवों में भी लगाया जाएगा। भर्ती को लेकर विस्तृत जानकारी व्यापमं की वेबसाइट पर जारी की गई है। इस सप्ताह जारी हो सकते हैं सीजी सेट के नतीजे छत्तीसगढ़ राज्य पात्रता परीक्षा यानी सीजी सेट के नतीजे इस सप्ताह जारी हो सकते हैं। इसे लेकर व्यापमं से तैयारी की जा रही है। पिछले साल 21 जुलाई को यह परीक्षा 19 विषयों के लिए आयोजित की गई थी। रिजल्ट जारी होने में देरी होने से परीक्षार्थियों में नाराजगी है।


सेटअप में बदलाव के खिलाफ सड़क पर उतरे हजारों शिक्षक..

शिक्षा विभाग के सेटअप 2008 में बदलाव कर प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के पद कम करने के विरोध में आज हजारों की संख्या में शिक्षक सड़क पर उतरे। नवा रायपुर में धरनाप्रदर्शन और आमसभा के बाद मंत्रालय घेराव करने के निकले हजारों शिक्षकों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद शिक्षक साझा मंच के प्रतिनिधियों को शिक्षा सचिव ने चर्चा के लिए बुलाया परंतु चर्चा बेनतीजा रही। इसके बाद साझा मंच ने घोषणा की है कि 31 मई से संभागवार क्रमिक आन्दोलन राजधानी में किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुकतकरण को लेकर बवाल मचा हुआ है। शिक्षक संगठनों का विरोध युक्तियुक्तकरण की आड़ में शिक्षकों के पद कम किए जाने का है। सेटअप में बदलाव नहों किए जाने के आग्रह के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण किए जाने को प्रक्रिया जारी रखने से आक्रोशित शिक्षक संगठनों के सात्रा मंच ने आज मंत्रालय घेराव किया पहली बार एकजुट हुए 23 शिक्षक संगठनों से जुड़े हजारों शिक्षक आज नवा रायपुर के तुता धरना स्थल पर जुटे। तूता में धरना, प्रदर्शन और आमसभा के बाद सभी शिक्षक रैली की शक्ल में  मंच के केदार जैन, मनीष मित्रा, संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, कृष्ण कुमार नवरंग, विकास सिंह राजपूत, राजनारायण द्विवेदी, शंकर साहू, जाकेश साहू, भूपेन्द्र सिंह बनाफर, अनिल टोप्पो, कमल दास मुरचुले, धरम बंजारे, डा. भूपेन्द्र गिलहरे, चेतन दास बघेल, विष्णु प्रसाद साहू, प्रीतम कोशले, गिरीश केशकर, प्रदीप कुमार पांडेय, राजकिशोर तिवारी, प्रदीप लहरे एवं लैलून भारद्वाज के संयुक्त नेतृत्व में मंत्रालय की ओर बढ़े। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिम द्वारा कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था को गई थी। रैली के साथ प्रदर्शन करने निकले हजारों शिक्षकों को पुलिस द्वारा रास्ते में ही रोक लिया गया।


अतिशेष शिक्षकों की सूची में ढेरों त्रुटियां, दावा आपत्ति का लगा अंबार..

शिक्षक युक्तियुक्तकरण में अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी होने के साथ ही हड़कम्प मच गया है। इसमें सालों से स्कूलों में पदस्थ वरिष्ठ शिक्षकों का नाम शामिल कर लिया गया है। वहीं कनिष्ठ को युक्तियुक्तकरण से बया लिया गया है। अतिशेष शिक्षकों की जिला स्तर पर काउंसिलिंग कल 4 जून को आयोजित की गई है। अभी तक जिला स्तर की वरिष्ठता सूची जारी नहीं की गई है। अव्यवस्था के बीय चल रही प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों में भारी नाराजगी है। शासन के आदेश पर स्कूल युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए शासन ने जिले को चार जुन तक का समय दिया है। जिला कार्यालय ने ब्लॉकों से सूची लेकर चेहतों को बचाने के जुगाड़ में अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाने में विलंब कर दिया। इसलिए दो जून की देर रात अतिशेष शिक्षकों को सूची जारी की गई। वह भी ब्लॉकवार सूची वाट्सएप में जारी की गईं। जबकि काउंसिलिंग जिला स्तर पर होगी। कल 4 जून को काउंसिलिंग होने वाली है, लेकिन अतिशेष शिक्षकों की जिला स्तर की वरिष्ठता सूची जारी नहीं की गईं। वहीं जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी अतिशेष शिक्षकों की सूची में ढेरों त्रूटियां है। इसमें चेहतों को लाभ पहुंचाने के लिए कनिष्ठ के स्थान पर वरिष्ठ को अतिशेष घोषित कर दिया गया। इसकी जानकारी होने पर शिक्षक दावा-आपत्ति लेकर डीईओ ऑफिस पहुंचे। जहां इधर-उधर भटकने के बाद दावा-आपत्ति लिया गया, लेकिन मांगने के बाद भी उसकी पावती शिक्षकों को नहीं दी गई। इससे परेशान शिक्षक कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। जहां दावा आपत्ति लेकर उनको बकायदा पावती सिल लगाकर दिया गया।

अतिशेष सूची देर रात जारी हुईं। इसके बाद शिक्षकों को दावा-आपत्ति करने के लिए दोपहर 12 बजे तक का समय दिया गया। सूची में नाम आने के बाद आनन-फानन में भाग कर शिक्षक डोईओ ऑफिस पहुंचे। यहीं कई शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश के कारण शहर से बाहर गए है, जिसके कारण आपत्ति करने के लिए भी पहुंच सके। दावा-आपत्ति के लिए कम समय देने से शिक्षकों में काफी नाराजगी रही। युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश है। इसको ध्यान रखते हुए डीईओ ने एसपी को पत्र लिखकर कल होने वाली काउंसिलिंग के दौरान शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल की मांग की गई है। इसमें देवकीनंद ऑडिटोरियम और लखीराम ऑडिटोरियम में सुबह दस बजे से काउंसिलिंग होने पर पुलिस बल उपलब्ध कराने को कहा गया है।


युक्तिकरण में शासन के ही नियमों का उल्लंघन..

स्कूल शिक्षा विभाग में चल रहे युक्तियुकतकरण को लेकर हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ विद्यालयीन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष समेत 34 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है इसमें शासन के युक्तियुक्तकरण के नियमों में हो रहे उल्लंघन को चुनौती दी गई है। प्रदेश में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुकतकरण को लेकर जब 2 अगस्त 2024 में आदेश जारी हुआ तो इसका शिक्षकों ने काफी विरोध किया ,शासन ने तब इस पर कोई अमल नहीं किया था। अब 25 अप्रैल 2025 को नया आदेश फिर से जारी किया गया , जिसम॑ बहुत साड़ी कमियाँ हैं ।

यह भी बताया गया है कि, संविधान के आर्टिकल 309 के तहत राज्यपाल द्वारा छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शिक्षक व प्रशासनिक संवर्ग ) भर्ती व पदोन्नति नियम 2019 में पदोन्नति का प्रावधान किया गया है। इसमें संशोधन किये बिना ही काउंसिलिंग कराई जा रही है , इसमें अपील करने का प्रावधान है जिसका अवसर नहीं दिया जा रहा है । इस प्रक्रिया में कलेक्टर को नोडल ऑफिसर बनाया गया है , जबकि उसे लेक्चरर के लिए कोई क्षेत्राधिकार ही नहीं है । छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ज्वाइनिंग टाइम का नियम बना हुआ है , कलेक्टर को मंत्री के अनुमोदन बिना तबादले का अधिकार ही नहीं है।


कचरे से कमाई:पहले दुलाई पर 45 लाख खर्च होता था, अब कारखानों को सप्लाई..

सेंटर पर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने अंबिकापुर को वायु प्रदूषण नियंत्रण का आदर्श मॉडल बताया है। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत जारी की गई है, जिसमें अंबिकापुर के ठोस कचरा प्रबंधन मॉडल की विशेष सराहना की गईं है। दरअसल, अंबिकापुर नगर निगम ने अनुकरणीय मिसाल पेश की है। पहले जहां कचरे के डंपिंग यार्ड में परिवहन पर हर महीने 45 लाख रुपए खर्च होते थे,वही अब यह तरह बंद हो गया है। यही नहीं निगम को डंप साइट हटाने से उसी कचरे से अब 12 लाख रुपए और यूजर चार्ज से 16 लाख रुपए कुल मिलाकर 28 लाख रुपए मासिक आमदनी हो रही है इस बदलाव के बाद शहर में प्रतिदिन एक होने वाले प्लास्टिक कचरे को निगम तीन बड़ी सीमेंट फैक्टियों के साथ अनुबंध कर सप्लाई कर रहा है। इसके अलावा, प्लास्टिक कचरा खिलौना निर्माण इकाइयों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है।  अंबिकापुर का प्लास्टिक वेस्ट बलौदाबाजार, सतना जैसे शहरों में भेजा जा रहा है। यह नवाचार न केवल पर्यारण संरक्षण की दिशा में अहम कदम है, बल्कि इससे आर्थिक लाभ भी हो रहा है।सीएसई ने देश के 100 से अधिक शहरों के सर्वे के बाद अंबिकापुर को स्वच्छता में बेहतर बताते हुए रिपोर्ट पब्लिश किया है। रिपोर्ट में कहा है कि अंबिकापुर अब भारत का पहला जीरो डंपसाइड  शहर बन चुका है। यह उपलब्धि न केवल स्वच्छता के क्षेत्र में बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में भी एक मील का पत्थर है।

एक समय था जब अंबिकापुर की सड़कों पर कचरे के ढेर और जलती डंप साइट्स आम नजारा हुआ करता था। लेकिन आज, यही शहर स्वच्छता और प्लास्टिक प्रबंधन के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय आदर्श बन चुका है। निगम अंबिकापुर ने ठोस और प्लास्टिक कचरे के कुशल प्रबंधन से न सिर्फ पर्यावरण को सुरक्षित किया है, बल्कि आर्थिक लाभ भी कमाया है।


प्रोफेसर भर्ती के लिए दस्तावेज सत्यापन शुरू, 3 माह चलेगा..

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों की भर्ती होगी। इसके लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है। 11 विषयों के लिए सत्यापन की यह प्रक्रिया 25 अगस्त यानी करीब तीन माह तक चलेगी। यह बॉटनी और फिजिक्स विषय से हुईं है। 18 जून से हिंदी के लिए दस्तावेज सत्यापन शुरू होगा। 

छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेजों में 30 विययों में 595 पदों पर प्रोफेसरों की भर्ती होगी। इसके लिए बर्ष 2021 में वैकेंसी निकली थी। 13 विषय जैसे, अंग्रेजी, माइक्रोबॉयोलॉजी, लोक प्रशासन, प्राचीन भारतीय इतिहास, बायोटेक्नोलॉजी, सैन्य विज्ञान, ज्योतिष, दर्शन शास्त्र, संस्कृत, विज्ञान के लिए दस्तावेज सत्यापन हो चुका है। अभी 11 विषय जैसे, बॉटनी, फिजिक्स, हिंदी, केमिस्ट्री, जूलॉजी, जियोलॉजी, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, साइकोलॉजी, गणित व भूगोल के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकिशन सीजीपीएससी से होगा। शेष अन्य विषयों को लेकर जल्द ही जारी होगी। अभी जिन 11 विषयों के लिए दस्तावेज सत्यापन को प्रक्रिया शुरू हुई है, उसमें सबसे अधिक दावेदार हिंदी के लिए है। 64 पदों के लिए 152 उम्मीदवारों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा। इसी तरह केमिस्ट्री के 50 पदों के लिए 148, बॉटनी के 30 पद के लिए 91, फिजिक्स 20 पद के लिए 89 उम्मीदवारों को बुलाया गया है। गणित के 35 प्रोफेसरों के लिए 130, समाजशास्त्र 57 पद के लिए 66 का दस्तावेज सत्यापन होगा।


सीजी सेट के परिणाम जारी 11 माह पहले हुई थी परीक्षा..

सीजी सेट के नतीजे मंगलवार को जारी कर दिए गए हैं। 19 विषयों के लिए यह परीक्षा 21 जुलाई 2024 को आयोजित की गई थी। इसमें करीब एक लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। क्वालिफाई हुए उम्मीदवारों को अध्यापन की पात्रता मिली है। अब वे प्रदेश के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने के लिए पत्र हो गए हैं। इसी तरह पीएचडी एडमिशन की राह भी इनके लिए थोड़ी आसान हुई है। उधर, सेट के नतीजे को लेकर अभ्यर्थी कई महीनों से इंतेज़ार कर रहे थे। देरी होने से वे नाराज थे। दरअसल, इतने दिनों में यूजीसी नेट दो बार आयोजित की जा चुकी है। परिणाम भी आ गए हैं। तीसरी बार यानी नेट जून 2025 को लेकर एनटीए से तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि सीजी सेट जिन विषयों के लिए हुई थी उनमें हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल,फिजिकल साइंस, केमिकल साइंस, मैथेमेटिकल साइंस आदि विषय शामिल हें।


दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती पर जोर..

दिव्यांग बच्चों के अधिकारों के संरक्षण और पॉक्सो एक्ट के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए मंत्रालय में बुधवार को अहम बैठक हुई। इसमें महिला एवं बाल विकास की सचिव शम्मी आबिदी ने माना है कि छत्तीसगढ़ के दिव्यांग बच्चों को हर वो सुविधा और सुरक्षा मिलनी चाहिए जो किसी सामान्य बच्चे को प्राप्त है। उन्हेंने बैठक में कहा, दिव्यांग बच्चों को समाज की मख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और समावेशन सभी क्षेत्रों में कदम उठाने होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि समावेशी शिक्षा व्यवस्था को मजबूती दी जाए, विशेष शिक्षकों की नियुक्ति हो और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता तय की जाए। बैठक में सचिव ने कहा, बाल यौन उत्पीड़न के मामलों की रोकथाम के लिए पॉक्सो एक्ट की जानकारी हर स्तर पर आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों, आश्रमों, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं किशोर गृहों में पॉक्सो एक्ट की जानकारी देने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए। शिक्षकों देखभालकर्ताओं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को पॉक्सो कानून की कार्रवाई प्रक्रिया पर प्रशिक्षण दिया जाए।


छत्तीसगढ़ की कला को समृद्ध बनाने नवा रायपुर में बनेगा कलाग्राम..

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया गया। इसके तहत नवा रायपुर में प्रदेश के पहले कलाग्राम की स्थापना की जाएगी। इसके लिए संस्कृति विभाग को 10 एकड़ भूमि निःशुल्क दी जाएगी। हालांकि सरकार इस जमीन की प्रतिपूर्ति राशि नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को भुगतान करेगी। यह कलाग्राम शिल्पकारों, लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए एक समर्पित केंद्र होगा, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि को सुदृढ़ करेगा और स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए राष्ट्रीय स्‍तर पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का एक स्थायी मंच भी प्रदान करेगा। अब कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा कैबिनेट ने मुख्यमंत्री के घोषणानुसार ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम. “कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा' किए जाने का अनुमोदन किया है। बता दें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 23 फरवरी 2024 को बलोौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा तहसील अंतर्गत दामाखेड़ा में आयोजित संत समागम समारोह “माघी मेला" में सम्मिलित होकर दामाखेड़ा का नाम कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा नाम किए जाने की घोषणा की थी।

कैबिनेट ने कबीरधाम जिले के दो गांव का नाम बदलने पर भी अपनी सहमति जताई है। इसके तहत कबीरधाम जिले के कवर्धा तहसील के ग्राम पंचायत. ग्राम पंचायत सोनपुर तथा बोडला तहसील के ग्राम पंचायत चण्डालपुर का नाम परिवर्तन कर ग्राम पंचायत चंदनपुर किए जाने का निर्णय लिया गया।


साल वृक्ष को बचाने ब्रिटिश हुकूमत से भीड़ गए थे आदिवासी..

जगदलपुर बस्तर के आदिवासी प्रकृति पूजक है। उनके लिए वन ही सबकुछ है। बस्तर को साल वृक्षों का द्वीप भी कहा जाता है। बस्तर का इतिहास बताता है कि यहां के आदिवासियों ने जंगलों को बचाने के लिए क्या कुछ किया है। बस्तर में 166 साल पहले 1859 में फोतकेल के जमींदार नागुल दोरला की अगुवाई में आदिवासियों ने 'कोई विद्रोह' का बिगुल फूंका था। जिसमें साल वृक्ष के जंगलों को बचाने के लिए 'एक साल वक्ष के पीछे एक व्यक्ति का सिर' के नारे के साथ अंग्रेजी हुकूमत का विरोध किया गया। यह विद्राह चिपको आंदोलन से भी बड़ा माना जाता है, हालांकि इसे उतनी ख्याति नहीं मिल पाईं। बस्तर की दोरली की उपभाषा में 'कोई' का अर्थ होता है वनों और पहाड़ों में रहने वाली आदिवासी प्रजा। पर समय से वन बस्तर रियासत का संसाधन रहा है।

ब्रिटिश सरकार ने नागुल दोरला और प्रभुसता को चुनौती मानकर वृक्ष कटाई करने वाले मजदूरों की रक्षा करने के लिए बन्दूकधारी सिपाही भेजे। दक्षिण बस्तर के आदिवासियों को जब यह खबर लगी तो उन्होंने जलती हुई मशालों को लेकर अंग्रेजों के लकड़ी के टालों को जला दिया और आरा चलाने वालों का सिर काट डाला। आन्दोलनकारियों ने “एक साल वक्ष के पीछे एक व्यक्ति का सिर' का नारा दिया. इस जन आन्दोलन से हैदराबाद का निजाम और अंग्रेज घबरा उठे थे। 


नियमीतीकरण  सिम्स के 23 संविदाकर्मियों की याचिका खारिज..

बिलासपुर हाईकोर्ट ने सिम्स के 23 संविदा कर्मचारियों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट नें कहा है कि प्रक्रिया के तहत नियुक्ति नहीं हु तो नियमितीकरण का दावा भी नहीं किया जा सकता।. सिम्स के संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका . दायर की थी। याचिका करने वाले एनेस्थीसिया टेक्नीशियन, स्वीपर, वार्ड बॉय, कुक और ओटी टेक्नीशियन के पद पर संविदा में कार्यरत थे। सिम्स प्रबंधन ने संविदा अवधि समाप्त होने के बाद सभी की सेवाएं समाप्त कर दी थी। जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद संविदा कर्मियों की याचिका को खारिज कर दिया।


हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर 16 लाख रुपए की ठगी..

बिलासपुर बटालियन के एक आरक्षक ने तीन युवकों को हाइ कोर्ट में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उसनें 16 लाख रुपए ठग लिए। इधर रकम मिलने के बाद भी-जब युवकों की. नोकरी नहीं लगी तो उन्होंने आरक्षक को, ढूंढना शुरू किया, पर वह कहीं नहीं मिला। 18 माह के लंबे इंतजार के बाद युवाओं को अहंसास हुआ कि बे ठग लिए गए हैं। पीड़ितों ने सकरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। अपराध दर्ज कर पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। मिली जानकारी के अनुसार डोमन पाटिल सकरी बटालियन में कॉन्स्टेबल के पद पर पदस्थ है। वर्ष 2023 में उनकी पहचान ग्राम घुरू निवासी मोहम्मद शहबाज खान, मनीष कौशिक और विकास कौशिक से हुई। डोमन ने अपने रिश्तेदांर की 'पहुंच हाईकोर्ट में होने की बात कही और उन्हें वहीं नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके एवज में उन्हें पैसे खर्च करने की भी बात कही। भरोसे में आकर बेरोजगारों युवाओं ने वर्ष 2023-24 में अलग-अलग किस्तों में आरक्षक डोमन को 16 लांख रुपए दे दिए। डोमन के कहने पर उन्होंने अपने सभी दस्तावेज भी उसे सौप दिए।


प्रदेश में तबादले 14 से 25 जून तक होंगे, प्रभारी व विभागीय मंत्री की मंजूरी जरूरी..

प्रदेश में 2025 की नई तबादला नीति को बुधवार को मंजूर मिल गई है। इसके तहत प्रदेश में 14 जून से 25 जून तक तबादले किए जा सकेंगे। इसके लिए आवेदन 6 से 8 जून तक होंगे। जिला स्तर पर तबादलों के लिए प्रभारी मंत्री तथा राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी जरूरी होगी। ये फैसला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। 

बतया गया है कि तबादले के लिए न्यूनतम दो साल सेवा अनिवार्य है। बीमारी, मानसिक या शारीरिक अक्षमता और सेवानिवृत्त से पूर्व एक साल के मामले में विशेष छूट दी जाएगी। अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरण के लिए एवजीदार अनिवार्य है। साथ ही सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जैसे जिलों में रिक्त पदों को भरने का विशेष प्रयास रहेगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग की कुल संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में अधिकतम 15 प्रतिशत स्थानांतरण किए जा सकेंगे। परिवीक्षाधिन अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा पति-पली को एक स्थान पर पदस्थापना, ग्रामीण-शहरी संतुलन और पारदर्शित के लिए राज्य स्तर के सभी तबादले आदेश ई-ऑफिस के माध्यम से जारी होंगे। सभी जिला स्तरीय कर्मचारियों का संलग्नीकरण 5 जून 2025 से समाप्त माना जाएगा और जहां किसी कर्मचारी की आवश्यकता होगी स्थानांतरण नीति के अनुरूप भेजा जा सकेगा।


सीजी बोर्ड : हर साल दसवीं में 20% से ज्यादा बच्चे हो रहे फेल, इस साल भी 75 हजार हो गए असफल..

सीजी बोई परीक्षा में इस साल 20 फीसदी से ज्यादा बच्चे फेल हो रहे हैं। इस साल भी फेल और पूरक आने वाले छात्रों को संख्या 75 हजार से अधिक है। अब इनकी दूसरी परीक्षा जुलाई में होगी। इसमें वे छात्र भी शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने प्रथम परीक्षा के लिए आवेदन किया था लेकिन वे अनुपस्थित थे।फेल हुए छात्रों के अलावा जो फस हो चुके हैं वे भी श्रेणी सुधार के लिए दोवारा परीक्षा दे सकते हैं। पिछले दिनों दसवीं सीजी बोर्ड के 3,21,299 छात्रों के नतीजे जारी किए गए। इनमें से 245913 छात्र पास हुए। 75,386 पूरक व फेल हुए हैं। वहीं बारहवीं बोर्ड के 23804 छात्रों के रिजल्ट जारी किए गए। इस परीक्षा में 194906 छात्र पास हुए। यानी बारहवीं में इस बार 43139 छात्र असफल हुए हैं।  पिछले कुछ सालों की अपेक्षा इस बार  27244  है। फिर भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स पुरक व फेल हुए हैं। विषय विशेषज्ञों की मानें तो गणित, अंग्रेजी के अलावा हिंदी में भी ज्यादातर छात्र फेल हो रहे हैं। पूरक व फेल हो रहे छात्रों को लेकर भास्कर ने पिछले कुछ सालों के नतीजों का एनालिसिस किया। पता चला कि, 2020 में 1 लाख से ज्यादा छात्र फेल हुए हैं। धीरे-धीरे यह संख्या कम तो हुईं लकिन कुछ खास अंतर देखने नहीं मिला। बड़ी संख्या में अब भी असफल होने का कारण छात्रों का प्रैक्टिस नहीं करना है। श्रेणी सुधार के लिए पास हुए छात्र भी द्वितीय परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे। दोनों परीक्षाओं में जिसका रिजल्ट अच्छा होगा वह मान्य होगा। जैसे, प्रथम परीक्षा में कोई छात्र पास है, उसे 60 प्रतिशत से अधिक नंबर मिला है। इस बार यदि नंबर कम आता है तो पहले बाला रिजल्ट ही मान्य होगा। प्रथम बोर्ड परीक्षा में इस बार बड़ी संख्या में छात्र फेल हुए हैं। इसे लेकर संभावना है कि एक लाख से अधिक छात्र द्वितीय परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।


परीक्षा के पहले दिन ही एक घंटे देर से मिला प्रश्न पत्र, छात्र नाराज..

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में सेमेस्टर परीक्षा के दौरान बुधवार को छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहले ही दिन बीएएलएलबी द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को निर्धारित समय सुबह 8 बजे की जगह प्रश्न पत्र करीब 9  बजे दिया गया। इसके चलते छात्र एक घंटे खाली बैठे रहे। विवि की इस लापरवाही से छात्र काफी नाराज हुए। उन्होंने इसकी प्रबंधन से भी की। जानकारी के अनुसार बुधवार को बीएएलएलबी एटीकेटी  सेकंड सेमेस्टर और फार्मेंसी छात्र सुबह साढ़े 7 बजे से परीक्षा हॉल में पहुंच गए थे। उन्हें 08  बजे से प्रश्न पत्र मिलना था, लेकिन पेपर समय पर नहीं मिला। बीएएलएलबी के छात्रों ने बताया कि उन्हें तय समय से करीब 1 घंटे देरी से पर्चा मिले। जबकि फार्मेसी के छात्रों के करीब आधे घंटे की देरी से प्रश्न पत्र दिया गया। देर से परीक्षा शुरू होने के चलते छात्रों ने पेपर हल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। जिसके बाद उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया। छात्रों ने एक घंटे ज्यादा समय तक पेपर दिया।


चारों शक्कर कारखानों की हालत खस्ता हर साल 95 से 100 करोड़ का घाटा ..

सहकारिता क्षेत्र में स्थापित प्रदेश के चारों शक्कर कारखानों की हालत काफी खस्ता है । इन शक्कर कारखानों का घाटा हर साल करीब 95 से 100 करोड़ रुपए बढ़ता जा रहा है । हालत यह है कि शक्कर कारखानों के पास न किसानों को भुगतान करने के लिए पैसा है न कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए । गन्ना बेचने वाले किसानों का ही करीब 100 करोड़ रुपए के आसपास का भुगतान बाकी है । समय पर भुगतान नहीं मिलने से किसान काफी नाराज हैं। बताया गया कि गुरुवार को नाराज किसानों ने पंडरिया शक्कर कारखाने के बाहर प्रदर्शन भी किया। प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में वर्तमान में 4 शक्कर कारखाने कवर्धा, पंडरिया, अंबिकापुर और बालोद में स्थापित हैं, लेकिन इन चारों शक्कर कारखानों की हालत काफी खस्ता है। कारखानों को शक्कर बेचने से मिलने वाली राशि लगभग आधी हो गई है।गन्ना किसानों के बकाए के संबंध में जानकारी लेने के लिए शक्कर कारखानों के प्रभारी नोडल अधिकारी एवं डिप्टी रजिस्ट्रार श्री खन्‍ना से संपर्क करने पर उन्होंने तत्काल इस संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध कराने से इंकार किया ।भारतीय किसान संघ ने पंडरिया स्थित शक्कर कारखाने में फैली भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ आज गुरुवार को “ऑपरेशन सरदार' के तहत परसवारा चौक में जबरदस्त प्रदर्शन किया। कवर्धा बिलासपुर मार्ग पर दोपहर करीब 2 बजे चालू हुआ चक्‍काजाम रात 10 बजे तक चला। गन्ना उत्पादक किसानों के आंदोलन के चलते दोनों तरफ हजारों वाहन अटके रहे। संघ के जिला अध्यक्ष डोमन चंद्रवंशी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में जुटे किसानों ने कारखाना प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चक्‍काजाम करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा शक्कर कारखानों को गन्ना बेचने वाले किसानों की संख्या लगातार घट रही है । इसकी एक वजह कारखानों में समय पर गन्ने का भुगतान न होना भी है। समय पर गन्ने की तौलाई नहीं होने से गन्ने के सूख जाने और कारखाना ले जाने में ट्रांसपोर्टेशन खर्च भी वजह है। शक्कर कारखाने वाले जिलों के अलावा गन्ना उत्पादन वाले जिलों में बड़ी संख्या में गुड़ फैक्ट्री खुलने से भी किसान अपना गन्ना शक्कर फैक्ट्री को बेचने से बच रहे हैं। कवर्धा जिले में 2 शक्कर कारखाने हैं और सबसे ज्यादा शक्कर का उत्पादन भी इन्हीं दोनों शक्कर कारखानों में होता है। गन्ने की खेती भी प्रदेश में सबसे ज्यादा कवर्धा जिले में होती है । लेकिन सैकड़ों किसान अब कारखाने के बजाय गुड़ फैक्टरियों को अपना गन्ना बेचने लगे हैं । कवर्धा जिले में ही दर्जनों गुड़ फैक्ट्रियां  पिछले कुछ वर्षों में स्थापित हुई हैं।


आदिवासी महोत्सव नई पीढ़ी को जड़ों से जोड़ने का जरियाः सीएम..

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बुद्धौल्पेन,  करसाड़ व मांदरी महोत्सव में भाग लेने कांकेर जिले के ग्राम कराठी संबलपुर पहुंचे। आयोजन स्थल में उन्होंने ढोल भी बजाया। मुख्यमंत्री ने कहा यह महोत्सव क्षेत्र की पारंपरिक संस्कृति विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का प्रतीक माना जाता है। साथ ही अपनी माँ के नाम से एक पेड़ लगा लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने महोत्सव स्थल में आदिवासी समाज के आराध्य देव बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि व शांति की कामना की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय आदिवासी फपराओं और लोक संस्कृति को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता दोहराते कल्य बुधलपेन करसाड़ और मांदरी महोत्सव हमारे पुरखों की परंपराओं और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव है। यह आयोजन नई पीढ़ी को अपनी से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। हमारे द्वारा बताई गई संस्कृति को हमें नहीं भूलना है। मिलजुल कर रहना है और इस परंपरा को हमेशा जीवित रखना है।सीएम ने भानुप्रतापपुर और दुर्गकांडल में गोंडवाना समाज भवन निर्माण के लिए 25-25 लाख, गोंडवाना समाज के 12 परगमा में शेड निर्माण के लिए 10–10 लाख, गोंडवाना समाज के 5 सर्कल में शेड निर्माण के लिए पांच-पांच लाख देने व ग्राम पंचायत संबलपुर भवन निर्माण के लिए भी घोषणा की।


आईआईटी की तर्ज पर जगदलपुर, जशपुर कवर्धा व रायगढ़ में सीजीआईटी इसी सत्र से..

आईआईटी की तर्ज पर प्रदेश में छत्तीसगढ़ इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी सीजीआईटी इसी सत्र से शुरू होगा। कबीरधाम,  जशपुर व रायगढ़ के पॉलीटेक्निक को और जगदलपुर के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज को सीजीआईटी बनाया गया है। रायपुर में अगले साल से यह संस्थान शुरू होगा। इन चारों संस्थानों के बीटेक प्रोग्राम में 700 सीटों में एडमिशन होंगे। इसके लिए काउंसिलिंग इसी माह शुरू होने की संभावना है। प्रदेश में इस साल पांच सीजीआईटी शुरू करने की योजना थी। इसके अनुसार तैयारी की गई थी। रायपुर के गवर्नमेंट को-एड पॉलीटेक्निक को अपग्रेड कर सीजीआईटी बनाया जाना था। इसे लेकर तैयारी की गई थी। लेकिन इसकी जगह अगले साल गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज जीईसी रायपुर को सीजीआईटी बनाया जाएगा। इसे लेकर तैयारी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर सीजीआईटी में अपग्रेड होने से पॉलिटेक्निक बंद नहीं होंगे। 

सीजीआईटी में डिग्री व डिप्लोमा इंजीनियरिंग दोनों की पढ़ाई होगी। जीईसी जगदलपुर में बीटेक की 282 सीटें हैं सीजी आइंटी शुरू होने से यहां सीटें बढ़कर 402 हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि इससे छात्रों को फायदा होगा। ज्यादा छात्र सरकारी संस्थान में प्रवेश ले सकेंगे। गौरतलब है कि राज्य के 11 लोकसभा क्षेत्रों में सीजीआईटो बनाए जाएंगे। पहले चरण में रायपुर, जशपुर, जगदलपुर, कबीरधाम और रायगढ़ में शुरू करने की योजना थी। इसमें से चार इसी सत्र यानी 2025-26 से शुरू हो रहे हैं। सीजीआईटी में रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इटेलिजेंस, कंप्यूटर साइंस जैसे ब्रांच में एडमिशन दिए जाएंगे। सीजी आईटी जगदलपुर में 120 सोटें हैं। इनमें सिविल, कंप्यूटर साइंस, इफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल आदि ब्रांच हैं। सीजी आईटी जशपुर में 180 सीटों में प्रवेश दिए जाएंगे। इनमें कंप्यूटर साइंस और रोबोटिक्स एंड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई होगी। सीजी आईटी कबीरधाम में 180 सीटों में एडमिशन दिए जाएंगे। इनमें कंप्यूटर साइंस, इलेक्टिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई होगी। इसी तरह सीजी आईटी रायगढ़ में 180 सीटे हैं। यहां कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्युनिकेशन, मैकेनिकल (ऑटोमोबाइल ) ब्रांच शुरू होगा।

               
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