CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 : छ.ग. व्यापम द्वारा सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 200 पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी।
छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 200 पदों की पूर्ति की सहमति के आधार पर सहायक विकास विस्तार अधिकारी की नियुक्ति के लिए छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी पात्र अभ्यर्थियों से, ऑनलाइन आवेदन पत्र छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, नवा रायपुर अटल नगर के माध्यम से आमंत्रित किये गए है।
इस लेख में हम आपको CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 में होने वाली भर्ती के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। दरअसल यह भर्ती अधिसूचना दिनांक 07/04/2025 को जारी हुयी हैं, अतः आप इन दिए हुए पदों के लिए अप्लाई भी कर पाएंगे। CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ व्यापम द्वारा सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 200 पदों पर भर्ती निकाली गयी हैं। इन पदों पर कार्य करने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता हैं। तथा अभ्यर्थी एक अच्छी जॉब सुनिश्चित कर सकते हैं।
सभी पात्रता शर्तों को पूरा करने के उपरांत ही आप ही आप इन पदों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए आप अंतिम तिथि से पहले ही नोटिफिकेशन को अच्छे से पढ़ लें और अगर आप मांगी गयी सभी शैक्षणिक योग्यताओ और अन्य योग्यतााओ के अनुरूप पाते है तो ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
यहाँ हम आपको CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 की सम्पूर्ण जानकारी देंगे जैसे :- पदों की संख्या कितनी हैं? पदों का विवरण क्या हैं? इन पदों हेतु कौन कौन अप्लाई कर सकते हैं? इन पदों की शैक्षणिक योग्यता क्या-क्या होगी? इन पदों के लिए अनुभव क्या होना चाहिए? आवेदन की प्रारम्भि तिथि से लेकर अंतिम तिथि कब हैं? उम्मीदवारों की आयु सीमा क्या हैं ? चयन प्रक्रिया क्या होगी? शारीरिक मापदंड क्या होगी? इन सभी की जानकारी विस्तार से देंगे ताकि आप सटीक तरीके से भर्ती हेतु आवेदन कर पाएं।
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 के अंतर्गत सहायक विकास विस्तार अधिकारी(ADEO) के पदों की भर्ती हेतु आवेदन की प्रारंभिक तिथि 07/04/2025 हैं तथा अंतिम आवेदन तिथि दिनांक 02/05/2025 हैं। अतः आप अंतिम तिथि दिनांक 02/05/2025 से पहले ही आवेदन कर लें ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बच सके।
विभिन्न पदों से सम्बंधित जानकारियां निम्नलिखित है -
संस्था या विभाग का नाम :-
छ.ग. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
पदों के नाम (Name Of Post):-
सहायक विकास विस्तार अधिकारी(Adeo)
पदों का विवरण (Post Detail) :-
सहायक विकास विस्तार अधिकारी(ADEO)
200 पद
कुल पदों की संख्या(Total Post) :-
200 पद
पदों से सम्बंधित आवश्यक शैक्षणिक योग्यता :-
सहायक विकास विस्तार अधिकारी(Adeo)
- किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए।
- तथापि ग्रामीण विकास में स्नातकोत्तर की उपाधि धारण करने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- चयन प्रतियोगी परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर किया जायेगा।
- मेरिट सूचि , प्रतियोगी परीक्षा में प्राप्त अंको का 85 प्रतिशत अधिभार देते हुए तैयार की जाएगी, तथा अतिरिक्त 15 अंको का बोनस उन अभ्यर्थियों को दिया जायेगा, जो ग्रामीण विकास में स्नातकोत्तर की उपाधि धारण करते हो।
शैक्षणिक योग्यता और अनुभव से सम्बंधित विस्तृत जानकारी के लिए विभागीय विज्ञापन का विस्तृत अध्ययन अवश्य करे।
वेतनमान ( Salary):-
सहायक विकास विस्तार अधिकारी(Adeo)
लेवल 6, ग्रेड पे 2400 के अनुसार तथा महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते दिए जायेंगे।
पदों के प्रकार :-
यह भर्ती सरकारी हैं।
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 की प्रमुख तिथि :-
आवेदन प्रारम्भ तिथि :-
07/04/2025
आवेदन अंतिम तिथि :-
02/05/2025
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 हेतु आवेदन मोड(apply mode):-
इन पदों हेतु आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन (online) हैं। अतः आप सी.जी. व्यापम की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 हेतु आवेदन करने का शुल्क :-
इन पदों में आवेदन करने हेतु कोई भी शुल्क नहीं है,आवेदन फ्री में कर सकते हैं।
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 पदों हेतु आयु सीमा :-
न्यूनतम आयु (Minimum Age):-
20 वर्ष
अधिकतम आयु(Maximum Age) :-
40 वर्ष
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 आयु सीमा में छूट:-
शासन के नियमानुसार आयु सीमा में छूट अलग से दिया जा सकता हैं। आयु की गणना 1 जनवरी 2025 की स्थिति में किया जायेगा। आवेदक अभ्यर्थी को छतीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक हैं।
छूट के सम्बन्ध में आवेदन करने के पूर्व एक बार नोटिफिकेशन अवश्य पढ़ लें। तभी इस पद हेतु आवेदन करें।
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 हेतु सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ :-
- छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवास प्रमाण पत्र होना आवश्यक हैं।
- स्थायी प्रमाण पत्र अगर आवश्यक हो तो।
- Age certificate अगर आवश्यक हो तो।
- अभ्यर्थी की जन्म तिथि को प्रमाणित करने हेतु जन्म प्रमाण पत्र, हाई स्कूल/हायर सेकंडरी प्रमाण पत्र जिसमें आवेदक की जन्म तिथि का उल्लेख हो।
- मांगी गयी अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र होना आवश्यक होगा।
- अनुभव से सम्बंधित प्रमाण पत्र जो मांगी गयी हो वह दस्तावेज़ प्रस्तुत करना आवश्यक है।
- जरुरी योग्यता से सम्बंधित दस्तावेज़ जो मांगी गयी हो।
- यदि उम्मीदवार केंद्र या राज्य सरकार के अधीन किसी भी पद पर कार्यरत हो तो उस सम्बंधित विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र होना आवश्यक हैं।
आवश्यक दस्तावेज़ों की विस्तृत रूप से जानकारी पाने के लिए विभागीय विज्ञापन को अच्छे से पढ़ें जिससे कोई भी गलती न हो।
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 हेतु चयन प्रक्रिया।
- उक्त पदों के चयन हेतु एक लिखित प्रतियोगी परीक्षा सी.जी. व्यापम द्वारा आयोजित कराई जाएगी।
- परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर अंतिम मेरिट तैयार की जाएगी।
- चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार , विकास आयुक्त, छ.ग. नया रायपुर के पास सुरक्षित होगा।
- चयन के पश्चात अभ्यर्थियों के समस्त प्रमाण पत्रों को मूल प्रति प्रस्तुत करने अनिवार्य होगा।
- पदों से सम्बंधित विस्तृत विवरण, विभागीय विज्ञापन आप निचे दिए हुए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।
CG Vyapam ADEO Vacancy 2025 आवेदन कैसे करें ?
इन पदों हेतु आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन (online) हैं। अतः आप सी.जी. व्यापम की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पदों से सम्बंधित विस्तृत विवरण, विभागीय विज्ञापन आप निचे दिए हुए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा विभागीय वेबसाइट का लिंक भी निचे दिया गया हैं।
नियुक्ति के लिए अन्य शर्ते :–
- छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी दिव्यांगजन, जो जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र (जिसमें उनकी दिव्यांगता के प्रकार का विज्ञापन में दर्शाये अनुसार स्पष्ट उल्लेख हो) प्रस्तुत करते हैं, उन्हें ही दिव्यांग आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा। किसी भी विवाद अथवा शंका होने की स्थिति में नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी का अधिकार होगा कि वह अभ्यर्थी को राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर दिव्यागता श्रेणी के संबध में आवश्यक परीक्षण करावें तथा राज्य मेडिकल बोर्ड से प्राप्त प्रमाण पत्र उपलब्ध करावें।
- छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को भूतपूर्व सैनिक आरक्षण का लाम प्राप्त करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया डिस्चार्ज सर्टिफिकेट चयन प्रक्रिया में दस्तावेज सत्यापन के दौरान प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
- आनलाईन आवेदन करने के पूर्व अभ्यर्थी नियमों का अवलोकन कर स्वयं सुनिश्चित कर लेंवे कि उन्हें परीक्षा में सम्मिलित होने की पात्रता है अथवा नहीं।
- यदि परीक्षा के किसी भी चरण में अथवा परीक्षाफल घोषित होने के बाद भी यह पाया जाता है कि कोई अभ्यर्थी विहित अर्हता नहीं रखता है अथवा पात्रता नहीं रखता है अथवा उसके द्वारा दी गई कोई भी जानकारी गलत पायी जाती है तो उसकी अभ्यर्थिता / चयन परिणाम निरस्त किया जा सकेगा। इस संबंध में नियुक्तिकर्ता अधिकारी का विनिश्चय अंतिम होगा।
- चयनित अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण करते समय स्थानीय निवासी, जाति प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता/तकनीकी अर्हता संबंधी मूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
- चयनित अभ्यर्थियों को जिला चिकित्सालय के चिकित्सा बोर्ड से स्वास्थ्य फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् ही सेवा में लिया जावेगा ।
- चयनित अभ्यर्थियों को पुलिस व्हेरीफिकेशन कराया जावेगा।
- समान अंक प्राप्त होने की स्थिति में अभ्यर्थियों की जन्म तिथि को आधार मानकर वरियता निर्धारित की जावेगी। जिस अभ्यर्थी की उम्र अधिक होगी उसको वरियता प्रदान की जावेगी।
- यह नियुक्ति पूर्णतः अस्थायी है, अतएव नियुक्ति की निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किये जाने पर किसी भी समय सेवा समाप्त की जा सकेगी।
- अभ्यर्थी की पात्रता /अपात्रता के संबंध में तथा भर्ती प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न किसी भी प्रकार के विवाद पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार नियुक्ति प्राधिकारी “ विकास आयुक्त” के पास सुरक्षित रहेगा।
- प्रमाण पत्रों/ दस्तावेजों की वैधानिकता प्रमाणित करने का भार अभ्यर्थी पर होगा।
- छग. व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन आमत्रित किया जावेगा। अन्य किसी भी माध्यम से प्राप्त आवेदन स्वीकार योग्य नहीं है।
नियुक्ति हेतु चयन विधि :-
- उक्त पदों पर चयन हेतु एक लिखित प्रतियोगी परीक्षा छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मण्डल रायपुर द्वारा आयोजित की जावेगी।
- व्यवसायिक परीक्षा मडल द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा के प्राप्तांकों के आधार पर अंतिम मेरिट सूची व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा तैयार की जावेगी।
- चयन हेतु अभ्यर्थी की पात्रता/अपात्रता के सबंध में अतिम निर्णय लेने का अधिकार विकास आयुक्त, छत्तीसगढ़, नया रायपुर के पास सुरक्षित होगा।
- चयनित उम्मीदवार को नियुक्ति के समय समस्त प्रमाण पत्र की मूलप्रतियां प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
- यदि किसी भी आरक्षित अथवा अनारक्षित वर्ग में महिलाओं के लिए उपरोक्तानुसार आरक्षित पद उपयुक्त महिला अभ्यर्थी के अभाव के कारण चयन न होने से रिक्त रह जाते है।
- भूतपूर्व सैनिक के पद के विरूद्द सामान्य, नाम जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमी लेयर को छोडकर) में से जिस श्रेणी के आवेदक होगा उसे हॉरिजेण्टल आरक्षण के कारण उस श्रेणी के अंतर्गत माना जायेगा।
- दिव्यांगता से ग्रस्त कोई उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध व्यक्ति नहीं हो तो इसे दिव्यांगता की श्रेणियों के बीच अदला-बदली करके भरा जावेगा।
- यह नियुक्ति छ.ग. राज्य के लिए है, अतएव चयनित उम्मीदवार को रिक्तयों के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी विकासखण्ड / जिलों में पदस्थापना दी जाएगी।
- अभ्यर्थी आनलाईन आवेदन करने से पहले विज्ञापन में दर्शित आवश्यक शैक्षणिक अर्हताओं एवं आयु के अनुरूप अपनी अर्हता की जांच कर स्वयं सुनिश्चित कर लें एवं अर्हता की समस्त शर्तों को पूरा करने की स्थिति से पूर्णतया: संतुष्ट होने पर ही वे आवेदन पत्र भरें। परीक्षा में सम्मिलित करने का अर्थ यह कदापि नहीं होगा कि अभ्यर्थी को अर्ह मान लिया गया है। चयन के किसी भी स्तर पर अभ्यर्थी के अनर्ह पाये जाने पर उसका आवेदन पत्र बिना कोई सूचना दिये निरस्त कर उसकी अभ्यर्थिता समाप्त कर दी जाएगी।
- प्रत्येक आवेदक को चाहिए की वे विज्ञापन में दिये गये निर्देशों तथा आवेदन पत्र में दिये सभी खानों को भली प्रकार से देखकर अत्यंत सावधानीपूर्वक सही और पूरी जानकारी भरे यदि आवेदन पत्र में कोई जानकारी अपूर्ण अथवा दी जाती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आवेदक की होगी तथा त्रुटि या अपूर्णता के आधार पर आवेदक को बिना पूर्व सूचना दिये आवेदन पत्र चयन के किसी भी स्तर पर निरस्त किया जा सकेगा।
विभिन्न पदों हेतु सभी महत्वपूर्ण लिंक :-
विभागीय विज्ञापन पीडीएफ डाउनलोड यहाँ क्लिक करें
विभागीय वेबसाइट का लिंक यहां क्लिक करेें
विभागीय विज्ञापन डिटेल नोटिफिकेशन डाउनलोड क्लिक करें
वर्तमान की कुछ और भर्तियां,इन्हें भी देखें नीचे लिंक पर क्लिक करें-
कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी,महिला एवं बाल विकास विभाग में भर्ती।
जांजगीर चाम्पा जिला पंचायत अंतर्गत लेखा सह एम् आई एस सहायक के पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी।
जिला पंचायत बलरामपुर में भ्रीत्य, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लेखपाल सहित विभिन्न पदों पर भर्ती।
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छत्तीसगढ़ की अन्य महत्वपूर्ण ख़बरें।
659 अतिथि शिक्षकों के भरोसे हैं कॉलेज, सेमेस्टर की परीक्षा के बीच इस माह कार्यकाल होगा खत्म..
संभाग में शासकीय और प्राइवेट कुल 220 कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में लगभग 90 हजार छात्र अध्ययनरत हैं। इन छात्रों को पढ़ाने के लिए संभाग के 82 शासकीय कॉलेजों में 1516 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 878 शिक्षक कार्यरत थे। अब 21 प्राध्यापक से प्राचार्य बन गए हैं। ऐसे में संभाग में कुल 659 पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती को गई है। इनकी भर्ती 11 महीने के लिए हुई थी। इनका कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहे है। वहीं शासकीय 857 शिक्षक समर वेकेशन की तैयारी कर रहे हैं। एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार 16 मई से 15 जून तक समर वेकेशन है। यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं 23 मई तक है। इधर शिक्षक वेकेशन का प्लान बना चुके हैं। अभी तक द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों का सिलेबस पूरा नहीं हुआ है। दूसरी ओर एयू 20 मई से द्वितीय सेमेस्टर की दिशा के लिए संभावित तिथि भी घोषित कर दी है। यूनिवर्सिटी छात्रों की मांग पर यह परीक्षा जून के पहले सप्ताह में लेने की तैयारी कर रही है। इससे छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा को लेकर संकट खड़ा गया है। इधर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक इनके संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया जा सका है।
गौरतलब है कि प्रदेश के सभी यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय शिक्षा नति लागू हो गई है। पहले सेमेस्टर की पढ़ाई के बाद अब दूसरे सेमेस्टर कक्षाएं चल रही हैं। यूनिवर्सिटी रिजल्ट जारी कर दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा के फर्म भरवा रही है। इसकी अखिरी तारीख 19 मई है। कॉलेजों के शिक्षकों के अनुसार परीक्षा के दौरान पीजी की कक्षाएं प्रभावित है। कहीं परीक्षा के बाद कुछ समय तक छात्र पढ़ने नहीं आए। दूसरे सेमेस्टर की कक्षाएं देर से शुरू हुई हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने बीएसी, जीई सहित अन्य को सूची विलंब से दी है। इससे सिलेबस अधूरा है। अगर अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल अब खत्म होता है, तो दल सेमेस्टर की पढ़ाई रुक जाएगी। प्राइवेट कॉलेजों में गिने चुने शिक्षक हैं। छात्र पहले से प्रभावित है यूनिवर्सिटी में इसकी शिकायत कर रहे हैं, पर सुनवाई नहीं हो रही है। प्राइवेट कॉलेजों में यूनिवर्सिटी परिनियम-28 के तहत शिक्षकों की नियुक्त नहीं करा पा रही है।
व्यापमं घोटाले में 10 दोषियों को तीन-तीन साल कैद की सजा..
मध्य प्रदेश में एमबीबीएस दाखिले की परीक्षा से जुड़े व्यापमं मामले में सीबीआई विशेष अदालत ने दस आरोपियों को तीन साल कैद की सजा सुनाई और उन पर 16 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इन दस में चार उम्मीदवार, पांच उम्मीदवारों के बदले परीक्षा देने वाले और एक निचौलिया शामिल है।
सीबीआई के अनुसार जिन आरोपियों को सजा सुनाई गई उनमें विकास सिंह, कपिल परते, दिलीप चौहान और प्रवीण कुमार (सभी चार उम्मीदवार), सत्येंद्र सिंह (बिचौलिया) और नागेंद्र है। आदेश कुमार, रमेश कुमार प्रिस सिंह और शिव करण साहू (सभी पांच दूसरे उम्मीदवारों के बदले परीक्षा देने वाले) हैं। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश का पालन करते हुए 12 फरवरी, 2015 को इन उम्मीदवारों के खिलाफ मामला फिर से दर्ज किया
था। अपनी जांच पूरी करने के बाद, सीबीआई ने 31 जनवरी, 2019 को आठ लोगों के खिलाफ पहला पूरक आरोप पत्र और 19 दिसंबर, 2019 को दो अन्य लोगों के खिलाफ दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया। मई 2024 में, भोपाल की एक विशेष सीबीआई अदालत ने एक दशक पुराने व्यापम॑ मामले में 11 लोगों को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
युक्तियुक्तकरणः प्राथमिक शाला में 5 कक्षाएं, आखिर 2 शिक्षक कैसे पढ़ाएंगे..
स्कूल शिक्षा विभाग का युक्तिकरण गलत है। इसे लेकर सरकार को ब्लू प्रिंट सौंपा गया है। इसमें बताया गया है कि युक्तियुक्ककरण की 23 अप्रैल 2025 की नई नीति पूरी तरह से 2 अगस्त 2024 की नकल है जो खारिज की जा चुकी है। इसमें विद्यार्थी हित को पुनः अनदेखा किया गया है। यह नई शिक्षा नीति के खिलाफ है। इससे सरकारी स्कूल बंद होने भी आशंका है। यह नीति विद्यार्थियों के हित में नहीं है। शालाओं के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षकों की संख्या घटाई जा रही है। प्राथमिक शाला में 5 कक्षाएं लगती हैं। ऐसे में प्राधानपाठक के साथ 1 शिक्षक कैसे पढ़ा पाएँ। माध्यमिक, हाई स्कूल हायर सेकेंडरी में भी शिक्षकों की संख्या घटाई जा सकती है । छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने नीति की त्रुटियों की मुख्यमंत्री सचिव स्कूल शिक्षा विभाग एवं संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को ब्लूप्रिंट के साथ जानकारी दी। फेडरेशन के अध्यक्ष राजेश चटर्जी ने शिक्षकों के युक्तिकरण को लेकर सुझाव दिया कि यह कक्षाओं की संख्या एवं विषय के आधार पर हो। प्राथमिक शिक्षा से विद्यार्थियों को कक्षावार विषय शिक्षक उपलब्ध नहीं होने से माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक शिक्षा स्तर के परीक्षा मूल्यांकन में गिरावट आ रही है। सरकारें विद्यालयों के ज्यादातर विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं। वे शाला के विद्यालय शिक्षण पर निर्भर रहते हैं। यदि दर्ज संख्या के आधार पर बताए अनुसार युक्तियुक्तकरण किया जाता है, तो विद्यार्थियों को कक्षावार विषय शिक्षक उपलब्ध नहीं होगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (nep) के विरुद्ध है। अतः nep के अनुसार ही युक्तियुक्तकरण की नीति-निर्देश बनाए जाने चाहिए। सेटअप में परिवर्तन दोषपूर्ण है। इससे शिक्षा व्यवस्था में प्रगति न होकर अध्ययन अध्यापन का पतन होगा।
150 साल पुराना है महंत घासीदास म्यूजियम पहला ऐसा संग्रहालय जो जनसहयोग से बना..
साल 1975 में स्थापित महंत 150 साल की शरद शान यात्रा पीकर ली है। विश्व के 8 वे नंबर की सूची में शामिल सबसे बड़े संग्रहालय में शुमार रायपुर का यह पहला है, जो जन सहयोग से बना है। डेढ़ सौ साल पूरे होने के बावजूद यह म्यूजियम अपने अस्तित्व की खोज कर रहा है। यह अब तक ना तो इंटरनेशनल कांउसिल ऑफ म्यूजियम से जुड़ पाया और ना ही म्यूजियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया का सदस्य बन पाया। यही कारण है कि हजारों साल से भी अधिक समय के पुरावशेष, सिक्के, ताम्रपत्र और मूर्तियों को सहेजे हुए इस म्यूजियम को पहचान नहीं मिल पा रही है।
रायपुर के म्यूजियम में वो विरासतें हैं, जो पूरे विश्व में कहीं और नहीं है। दूसरी शताब्दी के लकड़ी का स्तंभ है। पांचवीं शताब्दी की रूद्र शिव की इकलौती प्रतिमा, 11वीं शताब्दी की ग्रेनाइट से बनी विष्णु की प्रतिमा, जिसमें उनके दशावतार को दिखाया गया है और कल्कि को घोड़े में बैठे हुए दिखाया गया है। सिरपुर के मंजुश्री गांधीजी के तीन बंदरों की प्रतिमा भी म्यूजियम में रखी हुई है। ऐतिहासिक धरोहरों में जैन बौद्ध युगीन प्रतिमा, विभिन्न काल के सिक्के, ताम्रपत्र, औजार-हथियार और अस्त्र-शस्त्र रखे हुए है। म्यूजियम में पशु-पक्षियों के खाल को भी सहेजा जा रहा है। चीता, भालू, खरगोश, गिलहरी, मधुमक्खी, बाज, उल्लू आदि के ओरिजनल खाल को उनके आकार के अनुरूप कांच के बॉक्स में संरक्षित रखा गया है।
साल 1875 में अष्टकोणीय भवन में राजनांदगांव के राजा महंत घासीदास ने म्यूजियम की नींव रखी थी। तब इसमें सिर्फ राजा महाराजा के अस्त्रशस्त्र, आदिवासी समुदाय, वन्य जीवन और शिलालेख रखे गए थे। 3 शिलालेख सिरपुर, 1 खल्लारी और 1 अन्य स्थान के थे। 7 साल बाद जिला परिषद ने उप समिति बनाकर रायपुर नगर पालिका को म्यूजियम के प्रबंधन का जिम्मा सौंपा। 1853 में महंत घासीदास के बेटे दिग्विजय सिंह ने 1.50 लाख रुपए दिया। महंत सर्वेश्वर दास पुस्तकालय के लिए 50 हजार रुपए दान में दिए। नई बिल्डिंग बनने के बाद 21 मार्च 1953 को तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने महंत घासीदास मेमोरियल म्यूजियम का उद्घाटन किया। नई बिल्डिंग में 5 मुख्य भाग हैं।
कार्डधारियों को उचित मूल्य दुकानों में 3 माह का चावल एक साथ जून में बंटेगा..
छत्तीसगढ़ में आगामी मानसून को देखते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जून से अगस्त तक 3 माह का चावल आवंटन जारी कर उचित मूल्य दुकानों में 31 मई तक भंडारण कराया जाएगा। वहीं, राशनकार्डधारियों को पात्रतानुसार चावल का वितरण 30 जून तक सुनिश्चित किया जाएगा। खाद्य विभाग की सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने इस संबंध में खाद्य संचालक व नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक को परिपत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। भारत सरकार के निर्देशानुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम तथा छत्तीसगढ़ खाद्य व पोषण सुरक्षा अधिनियम और मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के राशनकार्डधारी परिवारों को जून से अगस्त माह के राशन सामाग्री वितरण के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इन योजनाओं के तहत निर्धारित पात्रतानुसार जून से अगस्त माह का चावल आवंटन जारी कर उचित मूल्य दुकानों में 31 मई तक भंडारण और राशनकार्डधारियों को 30 जून तक वितरण सुनिश्चित कराने कहा गया है। चावल को छोड़कर शेष राशन सामग्री(शक्कर, नमक, चना व गुड़) का भंडारण व वितरण नागरिक आपूर्ति निगम में स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर जून से अगस्त के दौरान प्रत्येक माह पृथक-पृथक आवंटन जारी कर वितरण किया जाएगा।
जून में तीन माह की पात्रतानुसार चावल के वितरण की सूचना तथा उचित मूल्य दुकानों में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाएगी तथा इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। प्रत्येक माह के लिए पृथकपृथक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरणई-पॉस मशीन में प्रत्येक माह की राशन सामग्री के उठाव के लिए हितग्राही के पृथक बायोमेटिक प्रमाणीकरण की सुविधा एईपीडीएस सॉफ्टवेयर में की जा रही है। अतः प्रत्येक माह के लिए पृथक-पृथक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण किया जाएगा। इसकी सूचना भी सर्वसंबंधितों को दी जाएगी। प्रत्येक माह की वितरण रसीद भी ई-पॉस मशीन में जनरेट कर हितग्राही को प्रदान की जाएगी।
दसवीं-बारहवीं : पुनर्णणना, पुनर्मूल्यांकन और आंसरशीट की कॉपी के लिए आवेदन 22 तक..
10वीं 12वीं सीजी बोर्ड के नतीजे पिछले महीने जारी किए गए थे। अब उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति के लिए आवेदन को प्रक्रिया चल रही है। 22 मई तक आवेदन किए जा सकते हैं। पुनर्गणना के लिए शुल्क प्रति विषय 100 रुपए है। पूनर्मूल्यांकन के लिए प्रति विषय 500 रुपए। इसी तरह आंसरशीट की छायाप्रति के लिए भी प्रति विषय 500 रुपए शुल्क है। बीजापुर, जगदलपुर, द॑तेवाड़ा, कांकेर, कोंडगांव, नारायणपुर, सुकमा, बलरामपुर, राजनांदगांव, खैरागढ़, मानपुर, मोहला और आदिवासी बहुल /नक्सली 50 प्रतिशत छूट । आंसरशीट की छायाप्रति के आवेदन शुल्क में छूट नहीं है। छात्र तीनों प्रक्रिया, या दो या किसी एक प्रक्रिया के लिए निर्धारित शुल्क के साथ ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन का प्रारूप माध्यमिक शिक्षा मंडल की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया गया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों दसवीं-बारहवीं के नतीजे जारी किए गए थे। दसवीं में 76.53 प्रतिशत और बारहवीं में 81.87 प्रतिशत पास हुए हैं।
डीएलएड की डिमांड बढ़ी, प्रवेश परीक्षा के लिए इस बार बीएड से एक लाख अधिक आवेदन..
प्राइमरी स्कूल टीचर भर्ती के लिए बीएड अमान्य होने की वजह से डीएलएड की डिमांड बढ़ी है। इसमें प्रवेश के लिए प्रतिस्पर्धा अधिक है। इस बार प्रवेश परीक्षा के लिए करीब 3 लाख आवेदन आए हैं। यह संख्या बीएड की तुलना में एक लाख अधिक है। एंट्रेंस एग्जाम 22 मई को होगा। इसके लिए एडमिट कार्ड जारी हो चुके हैं।
इधर, प्रदेश में डीएलएड की 6720 सीटें हैं। कुछ साल पहले तक बीएड की तुलना में इसकी डिमांड कम थी। लेकिन पिछले साल से डिमांड बढ़ी है। इस बार करीब 3 लाख फॉर्म मिले हैं। 2024 की प्रवेश परीक्षा में भी लगभग इतने ही फॉर्म आए थे। वहीं दूसरी ओर बीएड की करीब साढ़े 14 हजार सीटें हैं। इमकी प्रवेश परीक्षा के लिए 2 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़, समेत दूसरे राज्यों और केंद्र सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की वैकेंसी आईं इसलिए बीएड व डीएलएड दोनों को डिमांड है। पहले, प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी सभी तरह के स्कूल में टीचर भर्ती के लिए बीएड मान्य था। जबकि डोएलएड के आधार पर प्राइमरी टोचर बनते थे। कुछ साल पहले प्राइमरी टीचर भर्ती से बीएड को अमान्य किया गया। बीएड के आधार पर अब मिडिल, हाई व हायर सेकेंडरी के टीचर बन सकते हैं। दूसरी ओर शिक्षक भर्ती में प्राइमरी स्कूल टीचर के अधिक पद आ रहे हैं। आगे भी यही संभावना है। इस वजह से अभ्यर्थियों का रुझान डीएलएड की ओर बढ़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी 22 मई को करेंगे उरकुरा रेलवे स्टेशन का लोकार्पण..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 22 मई को राजधानी से सटे उरकुरा रेलवे स्टेशन का लोकार्पण कर सकते हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ रेलवे प्रशासन ने अभी तक इसकी अधिकारिक सूचना प्रसारित नहीं की है। मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे ने अपने अधिकृत सोशल मीडिया एकाउंट 'एक्स' में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंर्तगत छत्तीसगढ़ के पुनर्विकसित उरकुरा रेलवे स्टेशन की पहले और अब की तस्वीर शेयर करते हुए ट्विट किया है। जिसमें बताया गया कि उरकुरा रेलवे स्टेशन में आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्टेशन बिल्डिंग, विशाल सर्कुलेटिंग एरिया और पोर्च, नया वेटिंग रूम और विशाल पार्किंग के अलावा मार्डन टॉयलेट का निर्माण किया गया है। उल्लेखनीय है कि पीएम श्री मोदी द्वारा आगामी 22 मई को अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों के वर्चुअल लोकार्पण की योजना है।
भोंगापाल में 1 जून को होगा बौद्ध महोत्सव..
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में आगामी 1 जून को बस्तर संभाग के कोंडागांव-नारायणपुर जिले के अंतर्गत आने वाले भोंगापाल में राज्य स्तरीय बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। बस्तर में 'युद्ध नहीं बुद्ध की शांति की ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत को दृष्टिगत रखते हुए भोंगापाल और इसके आसपास के विशाल चिन्हांकित परिक्षेत्र में बौद्ध शांति पार्क निर्माण करने की भी पहल की जाएगी। गौरतलब है कि केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम की उपस्थिति में बीते दिनों रायपुर में डॉ. अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक भी हुई थी।
मुख्यमंत्री द्वारा भोंगापल बौद्ध महोत्सव में शामिल होने की मिली।सहमति के बाद शनिवार को आयोजन के संबंध में अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी की प्रबंधकारिणी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि भोंगापाल बौद्ध महोत्सव में अंबेडकर बेलफेयर सोसाइटी द्वारा शासन-प्रशासन को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। बैठक में भोंगापाल बौद्ध महोत्सव की रूपरेखा और कार्ययोजना पर भी विचार किया गया। इस आयोजन में राज्य के प्रत्येक संभाग व जिलों के सभी समाज के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में डॉ. अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष दिलीप वासनिकर, रायपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे, सोसाइटी के उपाध्यक्ष सुनील रामटेके, कमल नारायण कांडे, डॉ. कृष्णमूर्ति कांबले, अनिल खोबरागड़े, संजय बागड़े, अशोक धवले, कमलेश बंसोड़, संजीव खुदशाह मौजूद थे।
छत्तीसगढ़ के पांच बांध लगभग सूख चुके, बाकी छोटे बड़े 37 बांधों में 2023 की तुलना में आधे से कम पानी..
प्रदेश में जल संकट की स्थिति गंभीर है। 5 बांध लगभग सुख गए हैं। मुरुमसिल्ली, मोगरा बैराज, पेंड्रावन, मयाना घुमरिया में पानी का स्तर शून्य प्रतिशत है। जबकि 8 अन्य बांधों में पानी 10 से भी कम बचा है। इसके अलावा दूसरे अन्य बांधों में पानी का स्तर पिछले दो साल में सबसे कम है। 2023 के मुकाबले इस बार बांधों में आधे से भी कम पानी है। 2023 में प्रदेश के सभी 46 बांधों में औसत पानी 55.3 प्रतिशत था। जबकि, इस बार केवल 25.7 प्रतिशत पानी ही बचा है। सबसे बड़े बाधो में से एक मिनीमाता बांगो में 2023 के मुकाबले आधे से भी कम पानी है। कोरबा जिले में स्थित इस बांध में केवल 26.5 प्रतिशत पनी है, जबकि 2023 में यहां 61.2 प्रतिशत पानी था। बांध सूखने का कारण प्रदेश में नॉन मानसून सीजन यानी अक्टूबर से मई तक की अवधि में बारिश कम हुई। इस बार 30 अप्रैल तक एक तिहाई ही बारिश हुई है। दूसरा औसत तापमान भी ज्यादा रहा है। इसकी वजह से बांधों से वाप्पीकरण भी ज्यादा हुआ। तीसरी वजह है क्रॉप पैटर्न। गर्मी की धान को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। किसानों ने गर्मी की धान के लिए भू-जल का ज्यादा दोहन किया। इससे बांधों में औसत रूप से पानी कम है।
मोंगरा: दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव बेमेतरा, सिमगा जैसे छोटे-बड़े शहरों और गांवों को पानी शिवनाथ नदी से मिलता है। गर्मी में जब नदी का पानी सूख जाता है, तब इसी बैराज से पानी छोड़ा जाता है। चूंकि इस बार बिल्कुल पानी नहीं है इसलिए गर्मी में पानी का संकट तय है। इस बांध के पानी को गंगरेल बांध के रिजर्व बैकअप के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गंगरेल प्रदेश का." बड़ा बांध है। और इसका पानी की सप्लाई कई बड़े शहरों और बीएसपी सहित कई बड़े उद्योगों की होती है। इस बार गंगरेल का पानी खत्म हुआ तो बैकअप नहीं होगा।
औषधीय गुणों से परिपूर्ण देसी गायों के लिए प्रदेशभर में गोधाम योजना शुरू होगी, प्रत्येक गोधाम के लिए हर साल 60 हजार रुपए खर्च होंगे..
छत्तीसगढ सरकार जल्द ही सड़कों पर घूम रही देसी गायों के लिए गोधाम योजना शुरू करने जा रही है। देसी गाय में औषधि गुण के अलावा कईं और फायदे हैं। जिसे देखते हुए ही गौ सेवा आयोग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेजा है।
योजना के पहले चरण में प्रदेश के 1460 गौठानों को शामिल किया गया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक विकासखंड से 10 गौठान चिहित किए जाएंगे। जिन गौठानों में पानी, बिजली, बाउंड्रीवाल जैसी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। उन्हें और बेहतर बनाया जाएगा। हर गौठान में 200 गाय-बैल रखे जाएंगे। यह योजना इसी सत्र में शुरू होने वी उम्मीद है। प्रदेश में अतिक्रमण के कारण चारागाह की कमी बनी हुई है।ऐसे में मवेशी भटकते हैं। सड़कों पर जमावड़ा बना रहता है। अभयारण्य में भी सभी मवेशियों को रखना संभव नहीं है। ऐसे में गौ सेवा आयोग ने गोधाम योजना लाने की तैयारी की है। इसके तहत कांग्रेस शासन में बने गौठानों का सर्वे किया जा रहा है। जिन गौठानों में शेड, बोरवेल और घेराबंदी जैसी सुविधाएं हैं, उन्हें योजना में शामिल किया जा रहा है। पहले चरण में 1460 गौठानों को विकसित किया जाएगा। हर गोधाम को सालाना 60 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस राशि का उपयोग गोधाम के रेखरेख, मवेशियों की इलाज सहित अन्य सुविधाओं पर खर्च किया पर किया जाएगा। योजना के अनुसार सभी गोधाम का संचालन स्वय॑ सेवी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा। जिसके लिए टेंडर जारी किया जाएगा। नियमों के तहत गोधाम का संचालन होगा।
छत्तीसगढ़ का पहला किसान स्कूल : यहां अमारी व चेंच भाजी भिंडी के डंठल, केले के छिलके, अलसी से बन रहा जेकेट..
जैकेट अमृूमन चमड़े और सिंथेटिक फैब्रिक से बनाए जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के एक छोटे से गांव बहेराडीह के किसान स्कूल में पौधों की पत्तियां, डंठल और रेशों से जेकेट बना रहे हैं। अमारी, चेंच भाजी, भिंडी के डंठल, केले के छिलके और अलसी जैसे पौधों से बने ये जैकेट न सिर्फ जैविक हैं, बल्कि गर्मी में ठंडक और सर्दी में गर्मी का अहसास भी कराते हैं। इनकी मांग अब देश ही नहीं, विदेशों में भी हो रही है। यही नहीं, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक भी अनोखे नवाचार को देखने बहेराडीह पहुंच चुके हैं। उन्हें यह इतना पसंद आया कि उन्होंने सभी प्रकार के जैकेट की खरीदी की। जांजगीर-चांपा जिले के अंतिम छोर के गांव बहेराडीह की पहचान अब देश में ही नहीं विदेशों में भी होने लगी है। पेड़-पौधों के रेशे से बन रहे जैकेट से इसकी पहचान बढ़ी है। यहां के किसान दीनदयाल यादव ने पहले ते 36 प्रकार की स्थानीय भाजियों और धान का पेटेंट कराया। फिर अमारी और चेंच भाजी और केले के छिलके, अलसी के ठंडल से रेशा निकालकर लैब में टेस्ट कराया और इससे जेकेट बनाने का काम शुरू किया। जैकेट बनाने का काम बुनकर रामाधार देवांगन अपने हाथों से खुद करते हैं वैसे तो किसान दीनदयाल 2010-11 से सब्जियों पर नई खोज कर रहे हैं, लेकिन 23 दिसंबर 2021 को उन्होंने किसान स्कूल की शुरुआत की। 2022 में इस स्कूल को जांजगीर क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार स्व. कुंजबिहारी साहू नाम दिया गया। इनके काम को देखते हुए रेशम बोर्ड ने आसपास की महिलाओं को जैकेट बनाने के लिए ट्रेनिंग का जिम्मा किसान स्कूल को सौंपा है।
छत्तीसगढ़ हॉकी की अनिशा साहू ओर गीता यादव अर्जेंटीना में दिखाएंगी जोहर..
छत्तीसगढ़ की हाँकी खिलाड़ी अनिशा साहू और गीता यादव ने अजेंटीना में होने वाले 4 नेशन इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में जगह पक्की कर ली है। बेंगलुरु में ट्रेनिंग हासिल कर रही हमारी दोनों खिलाड़ियों 25 मई से 2 जून है तक में आयोजित चैम्पियनशिप में दमखम दिखाएगी। छत्तीसगढ़ हॉकी के अध्यक्ष फिरोज अंसारी ने बताया कि 4 नेशन हॉकी टूर्नामेंट आने वाले दिनों में होने वाली जूनियर महिला वर्ल्ड कप की तैयारियों को लेकर किया जा रहा है। इस 24 सदस्यीय टीम में से ही उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों का चयन दिसंबर में होने वाले एफआईएच के लिए किया जाएगा। इसके अलावा पिछले 4 सालों से जूनियर टीम की सदस्य के रूप में शामिल हैं। यहीं, गीता यादव भी पिछले 2 सालों से जूनियर इंडिया टीम के सदस्य के रूप में जगह बनाई है।
टूर्नामेंट में चार देश अर्जेटीना, उरुग्वे, चिली और भारत को टीम भाग लेगी। भारतीय टीम भाग लेने वाली प्रत्येक टीम के खिलाफ दो-दो मैच खेलेगी। छत्तीसगढ़ हॉकी के महासचिव मनीष श्रीवास्तव ने कहा बड़े ही गर्व की बात है दो बेटियां देश के लिए खेलने जा रही है। दोनों ही खिलाड़ी छत्तीसगढ़ की ओर से नेशनल में खेल चुकी हैं। अजेंटीना में होने वाले टूर्नामेंट में भारत अपना पहला मुकाबला चिली के साथ खेलेगी।
बोर्ड परीक्षा परिणाम में 17वें और 33वें नंबर पर रहे जिलों के डीईओ हटाए, रायपुर 32वें नंबर पर फिर भी कार्रवाई नहीं..
10वीं और 12वीं बोई परीक्षाओं के रिजल्ट को लेकर शासन इन दिनों सख्ती दिखा रहा है। जिन जिलों में परीक्षा परीणाम खराब हैं वहां के जिला शिक्षा अधिकारियों को हटाया जा रहा है। लेकिन हैरत की बात यह है कि राजधानी रायपुर ही प्रदेश में परीक्ष परिणामों के हिसाब से 32वें स्थान पर है। इसके बावजूद रायपुर डीईओ पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बल्कि अभयदान दे दिया गया है। शासन के आकड़ों की माने तो महासमुंद जिला प्रदेश में 17 वें नंबर पर है। यहां खराब परीक्ष परिणाम के चलते डीईओ को हटाया गया। इसके बाद दो दिन पहले मरवाही जिले के डीईओ को हटाया गया है। यह प्रदेश में 33 वें यानी आखिरी पायदान पर रिजल्ट देने वाला जिला रहा। यहीं ठीक इसके पहले रायपुर जिले का नंबर है। यानि 32वां नंबर। खराब रिजल्ट को लेकर रायपुर में 65 फ्राचायों को नोटिस दिया गया है। यह महज खानापूर्ति है। बताया जा रहा है कि संभवत ऐसा पहली बार है जब राजधानी रायपुर का रिजल्ट इतना खराब आया है । शहर के स्कूलों में प्राचार्य 10-10 सालों से जमे हुए हैं। पड़ताल में यह बात सामने आ रही है कि जिन स्कूलों के रिजल्ट खराब हैं वहां शिक्षकों के हाजिरी रजिस्टर तक नहीं हैं। न ही सिलेबस पूरा किया जा सका था। हालात यह रहे कि कई स्कूलों में प्री बोर्ड परीक्षा की कॉपियां तक नहीं जांची जा सकी थीं।
राजधानी के स्कूलों के हालात यह हैं कि कई स्कूल में 12 प्रतिशत से भी कम रिजल्ट आया है। ऐसे एक दो नहीं बल्कि दर्जनों स्कूल हैं। उच्च अफसरों का कहना है कि समीक्षा के बाद कार्रवाई की जाएगी। लेकिन हकीकत यह है कि समीक्षा होने की बात कहकर इसमें जानबूझकर इसे टाला जा रहा है।
हादसे में घायल की मदद पर मिलेंगे ₹25 हजार, 4 को अस्पताल पहुंचाया तो 1 लाख..
सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले राहवीर को अब सरकार 25 हजार रुपए का इनाम देगी। ऐसे लोगों को सम्मानित करने के साथ प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा। अगर एक व्यक्ति एक साथ 4 लोगों को अस्पताल पहुंचात है, तो उसे प्रति घायल 25 हजार के हिसाब से एक लाख रुपए मिलेगे। अगर मदद करने वालों की संख्या ज्यादा है तो रकम की राशि सभी को बराबर बांट दी जाएगी। छत्तीसगढ़ में यह योजना लागू होते ही राज्य सरकार ने सभी कलेक्टर और एसपी को निर्देश जारी कर दिए हैं।
एआईजी ट्रैफिक संजय शर्मा ने बतया कि सड़क हादसे में ज्यादातर लोगों की जान समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण होती है। घायल सड़क पर तड़पते रहते हैं, लेकिन कोई मदद करने आगे नहीं आता। लोगों की जान बचाने और गोल्डन आकर में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए राहवीर योजना शुरू की गई है। पहले इस योजना के तहत घायलों की मदद करने वाले को 5 हजार रुपए दिए जाते थे। अब इस राशि को पांच गुना बढ़ाकर 25 हजार किया गया है।
रायपुर में हर माह घायलों की मदद करने को इनाम दिया जाता है। पिछले एक साल में 100 से ज्यादा घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले 60 लोगों को इनाम दिया जा चुका है। चौक-चौराहों पर इनका पोस्टर भी लगाया गया है, ताकि दूसरे लोग इन्हें देखकर प्रेरित हों और लागों की मदद के लिए आगे आएं। पुलिस ने बताया कि पिछले एक साल में रायपुर जिले में सड़क हादसे में 595 लोगों को मौत हुई है, जबकि 1800 से ज्यादा घायल हैं।
नए सत्र से बदलेगा सिलेबस, प्रदेश में पहली बार श्रीमद्भगवतगीता प्राचीन गणित, कल्चर ओर संविधान पढ़ेंगे इंजीनियरिंग के छात्र..
प्रदेश के इंजीनियरिंग छात्र अब सिर्फ अच्छे इंजीनियर नहीं, बेहतर नागरिक भी बनेंगे। उन्हें इंजीनियरिंग की विधाओ के साथ-साथ श्रीमद्रगवतगीता के पाठ भी पढ़ाएं जाएंगे। संस्कृति की जानकारी भी दी जाएगी। खगोल विज्ञान, ज्योतिष और संविधान भी पढ़ाया जाएगा। अगले सत्र यानी 2025-26 से प्रदेश में नया कोर्स लागू हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा में पिछले साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हुई। इस साल इसे तकनीकी शिक्षा में लागू करने को तैयारी की जा रही है। इसके लिए कोर्स में बदलाव किया गया है। पुराने विषयों का कंटेंट तो बदला ही गया है। इसके साथ ही चार नए सब्जेक्ट शामिल हुए हैं। इसी तरह मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्जिट जैसे प्रावधान किए गए हैं। अभी चार साल के बीटेक में बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद वहीं से वह कोर्स शुरू करने का प्रावधान नहीं था। लेकिन मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्जिट फार्मूले से ऐसा हो सकेगा। एक साल पूरा करने पर छात्र को सर्टिफिकेट मिलेगा, दो साल पर डिप्लोमा और चौथा साल पूरा होने पर बीटेक की डिग्री मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि अभी फर्स्ट ईयर में छात्र कॉमन सब्जेक्ट जैसे मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री आदि पढ़ते थे। अब इनके साथ एक विषय स्किल के लिए भी होगा। फर्स्ट ईयर में एक और सेकंड में एक विषय स्किल से संबंधित होगा। जैसे, मैकेनिकल में स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग स्किल पर आधारित विषय होगा।
सिविल सर्विस प्रीलिम्स आज, पेपर शुरू होने के आधे घंटे पहले बंद होगा गेट..
यूपीएससी की ओर से सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा रविवार, 25 मई को आयोजित की जाएगी। इसके लिए रायपुर व बिलासपुर में परीक्षा केंद्र बनाएं गए हैं। परीक्षा दो पालियों में होगी। पहली पाली में सुबह 9.30 बजे से पेपर होगा। लेकिन पेपर शुरू होने के आधा घंटा पहले यानी 9 बजे गेट बंद हो जाएगा। इसके बाद किसी भी परीक्षार्थी को एंट्री नहीं मिलेगी। दूसरी पाली में दोपहर 2.30 बजे से पेपर होगा। इसमें 2 बजे तक एंट्री मिलेगी। परीक्षार्थी एडमिट कार्ड के अलावा मूल पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि भी लेकर जाए। इसके बिना भी प्रवेश मिलने में परेशानी आ सकती है। उधर, रायपुर में 28 परीक्षा केंद्र बनाएं गए हैं। यहां करीब दस हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। जानकारों का कहना है कि यूपीएससी, एनटीए आदि की कई परीक्षाओं में देखा गया है कि परीक्षार्थी कुछ मिनट की देरी से सेंटर पर पहुंचे लेकिन उन्हें एंट्री नहीं मिली। इसलिए परीक्षार्थी यह ध्यान दें कि वे निर्धारित समय से पहले ही परीक्षा केंद्र में पहुंच जाए।
यूपीएससी प्रीलिम्स में अभ्यर्थी काली स्याही वाली बॉल पेन का उपयोग कर सकते हैं। किसी अन्य कलर की पेन अथवा काले कलर की जेल पेन का उपयोग वर्जित है। परीक्षा केंद्र के 500 मीटर की परीधि में किसी भी तरह से ध्वनि प्रदूषण न हो, प्रतिबंधित गतिविधियां होने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह परीक्षा हॉल में अभ्यर्थी केवल पारदर्शी पानी बॉटल ले जा सकते हैं। उस पर किसी भी प्रकार का स्टीकर नहीं होना चाहिए। इसी तरह परीक्षा के दौरान एक समय में दो अभ्यर्थियों को वाशरूम जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। अंतिम 30 मिनट के दौरान किसी भी परीक्षार्थी को वाशरूम जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
98 वर्ष पुराने कानून से वन व वन्य जीवों को बचाने की कोशिश..
हमारे देश में अभी भी वर्ष 1927 में बना वन अधिनियम कानून लागू है, बीते 98 वर्षों में वन्य जीवन को बचाने कानून में कोई ठोस परिवर्तन नहीं किया गया है। आजादी की 75वीं वर्षगांठ भी हम मना चुके, लेकिन जंगल में विचरण करने वाले जीव जंतुओं को अब तक अभय नहीं मिल पाया है। इसके चलते अब सरगुजा में हाथी तो बस्तर में राजपशु वन भेंसा और राजपक्षी पहाड़ी मैना खत्म होते जा रहे हैं। समय के साथ वन सुरक्षा अधिनियम 1927 व वन्यप्राणी सुरक्षा अधिनियम 1971 को कठोर बनाया जाना अब जरूरी समझा जा रहा है।
कहने को तो बस्तर में इन्द्रावती टाइगर रिजर्व है, किंतु यहां कितने बाघ हैं, कोई दावे के साथ नहीं बता सकता। पिछले 5 वर्षों में बाघों की खाल के साथ ग्रामीण पकड़े गए हैं। इन वारदातों में शिक्षक से लेकर पुलिस अधिकारियों तक का नाम सामने आया है। इन परिस्थितियों में टाइगर रिजर्व का का उद्देश्य औचित्यहीन रह गया है। बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के जंगलों में तेंदुए और भालू बड़ी संख्या में हैं। कांकेर के रहवासी आए दिन तेंदुआ और भालू को अपने बीच पाते हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा तक वन्यजीवों को बचाने की दिशा में वन विभाग विफल नजर आता है। यहां का बनांचल वन्यजीवों का प्राकृतिक रहा है, और यहां शुद्ध प्रजाति के जीव विचरण करते रहे हैं। जिस बस्तर के अबूझमाड़ में कभी चेंदरू बाघ के साथ खेला करता था। आज यहीं अबूझमाड़ और पूरा बस्तर लगभग बाघ विहीन माना जा रहा है। हालांकि पिछले दिनों यहां अपने शावक को बचाने एक मादा भालू को बाघ से लड़ते देखा गया था। परिस्थितियों को देखते हुए तथा वन्य जीवों को बचाने के उद्देश्य से 98 साल पुराने वन सुरक्षा अधिनियम तथा 55 साल पुराने वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम को कठोर करने की दरकार है।
पहाड़ी मेना का संवर्धन भी फेल बस्तर की पहाड़ी मैना को राजपक्षी का दर्जा प्राप्त है। पहाड़ी मैना को बचाने का कार्य 1990 के पहले से जारी है, किंतु इसकी देखरेख करने वाले यह भी ज्ञात नहीं कर पाए कि इनमें नर और मादा कौन है। बीते 37 वर्षों में मैना संवर्धन के नाम पर 1करोड़ से अधिक को राशि खर्च हो चुके है। इसके बावजूद वन विद्यालय के पिंजरे में दो से चार नहीं हो पाई हैं। बताते चलें कि वन विद्यालय के पिंजरे में कैद पहाड़ी मैना उम्र दराज होने और सांपों के हमले से मारी गईं हैं।
युक्तियुक्तकरण के मोर्चे पर शिक्षक संगठनों और विभाग में ठन गई..
युक्तियुक्तकरण के नाम पर और आरटीई के प्रावधान की आड़ में वर्ष 2008 के सेटअप में बदलाव करते हुए प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों में शिक्षकों के एक-एक पद घटाने समेत अन्य विसंगतियों को लेकर शिक्षक संगठनों और शिक्षा विभाग में ठन गई है।
शिक्षक संगठनों का स्पष्ट कहना है कि युक्तियुक्तकरण का विरोध नहीं है किन्तु शिक्षकों के पद घटाने का कड़ा विरोध होगा। विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण को लेकर पहली बार एकजुट हुए 24 शिक्षक संगठन 28 मई को मंत्रालय का घेराव करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों और अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। एक ही परिसर में संचालित सभी स्कूलों को एक किया जा रहा है। वहीं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में अतिशेष शिक्षकों को एकल शिक्षकीय एवं शिक्षकविहीन स्कूल में पदस्थ करने की योजना तो है, लेकिन वर्ष 2008 के सेटअप में बदलाव करते हुए प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शिक्षकों के एक-एक पद घटाने की तैयारी कर ली गई है। अगस्त-24 में भी शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की तैयारी कर ली थी किन्तु शिक्षक संगठनों के कड़े विरोध के चलते ही उस दौरान स्थगित कर दिया गया था लेकिन अब उसी निर्देश के अनुरूप पुनः युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इससे शिक्षक संगठन भड़क गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा सेटअप और शिक्षकों की स्थिति को लेकर दिए जा रहे तर्क को शिक्षक संगठन नकार रहे हैं। इसके चलते शिक्षक संगठनों और शिक्षा विभाग में टकराव बढ़ता दिख रहा है। विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण का विरोध करते हुए पहली बार प्रदेश के 24 शिक्षक संगठनों ने एकजुटता का परिचय देते हुए सर्व शैक्षिक संगठन छत्तीसगढ़ नामक नया मंच बनाया है। इस मंच के माध्यम से 28 मई को मंत्रालय घेराव की तैयारी शिक्षक संगठनों ने प्रारंभ कर दी है।
सीजीपीएससी: मुख्य परीक्षा 26 जून से लेंग्वेज से होगी शुरुआत, शिड्यूल जारी..
सीजीपीएससी को मुख्य परीक्षा (मेंस) 26 जून से शुरू होगी। इसके लिए शिड्यूल जारी किया गया है। शुरुआत लैंग्वेज के पेपर से होगी। 29 जून तक 7 विषयों की परीक्षा होगी। एक विषय भाषा व एक निबंध समेत सामान्य अध्ययन के पेपर होंगे। एडमिट कार्ड परीक्षा के दस दिन पहले ऑनलाइन जारी होंगे। प्रारंभिक परीक्षा फरवरी में हुई थी। इसके आधार पर 3737 परीक्षार्थी मेंस के लिए सिलेक्ट हुए हैं।
राज्य सेवा की मुख्य परीक्षा (मेंस) के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू है। 5 जून तक फॉर्म भरे जा सकते हैं। पीएससी-2024 के तहत राज्य सेवा के कुल 246 पदों पर भर्ती होगी। इसमें डिप्टी कलेक्टर है। डीएसपी लेकर नायब तहसीलदार तक के पद हैं। अनुसार 26 को पहली पाली में सुबह 9 से 12 बजे तक लैंग्वेज की परीक्षा होगी। दोपहर 2 से 5 बजे तक निबंध का पेपर होगा। 27 जून को पहली पाली में सामान्य अध्ययन-1 और दूसरी पाली में सामान्य अध्ययन-2 का पेपर होगा। 28 जून को पहली पाली में सामान्य अध्ययन-3 और दूसरी पाली में सामान्य अध्ययन-4 की परीक्षा होगी। 29 जून को पहली पाली में सुबह 9 बजे से 12 बजे तक सामान्य अध्ययन-5 की परीक्षा होगी।
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